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ग्रामीणों ने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के लिए बीएमओ को दिया ज्ञापन

झिरन्या से संवाददाता अंकुश अवस्थी की रिपोर्ट

सोमवार को फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आभापुरी के ग्रामीण रामकरण ,भारत ,जसवंत, राजाराम ,रामलाल ,संजय ,महेंद्र,अशोक,संगीताबाई , राशनी आदि 30 हस्ताक्षर सहित ग्रामीणों के साथ
द्वारा सोमवार श्याम 6बजे के लगभग तहसीलदार जगनप्रसाद सौर और
बीएमओ डॉक्टर सुनील चौहान को फर्जी डाक्टर के क्लीनिक पर कार्यवाही और जांच के लिए आवेदन दीया गया ग्रामीणों ने आवेदन के माध्यम से बताया की हमारे ग्राम आभापुरी मे कुछ दिनो पहले डाक्टर अंकित बिरला नाम से लोगो का इलाज कर रहा है । लेकिन दवाखाने के बोर्ड पर जयराम चौधरी का नाम लिखा हुआ है । डाक्टर के पास कोई भी डिग्री नहीं है । डाक्टर द्वारा हमारे गाँव के लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर गांव की भोली – भाली जनता को लुटा जा रहा हे इसके सम्बंध में पूर्व बीएमओ. डाक्टर दिपक जायसवाल को भी अवगत कराया गया था । लेकिन आज दिनांक तक फर्जी डाक्टर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई । ग्रामीणों ने फर्जी डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जिससे ग्रामीणों की स्वास्थ से खिलवाड़ न हो

जब मामले की ज्यादा जानकारी निकाली तो पता चला की फर्जी डाक्टर का क्लीनिक तो बंद नहीं हुआ पर असली डाक्टर के ऊपर कारवाही हो गई

मुख्यालय झिरन्या पर 15 जून बुधवार को लोकायुक्त की टीम ने बीएमओ के पद पर पदस्थ डॉक्टर दीपक जायसवाल को चार हजार की रिश्वत लेते हुये कार्यवाही की लेकिन प्रश्न चिन्ह यह उठता है।जिस मामले में शिकायत कर्ता ने लोकायुक्त को अपनी शिकायत दर्ज कराकर कार्यवाही करवाई थी।उस मामले में अभी तक स्वास्थ विभाग की टीम ने सम्बन्धित शिकायत कर्ता के ग्राम आभापुरी स्थित क्लीनिक की जाँच क्यों नही की गई।जानकारी के अनुसार क्लीनिक का पंचनामा 11 जून को बना था।पंचनामे में गलत तरीके से क्लीनिक संचालन व दवाई बिक्री करना बताया गया है।लेकिन पंचनामे के बावजूद कार्यवाही नही होना या तो जांच में दस्तावेज सही पाए गए होंगे या स्वास्थ विभाग के जिम्मेसर कार्यवाही की हिम्मत नही कर पा रहे हैं ।
जयराम चौधरी के नाम से डिग्री है, और प्रेक्टिस अंकित बिरला कर रहा था ।और
75 से अधिक क्षेत्र में बेरोकटोक चल रहे है झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक….
क्यों नही हो रही है कार्यवाही मुख्यालय व आसपास के ग्रामो में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।डॉक्टर अपने निजी क्लिनिकों पर महज ईलाज ही नही दवाई गोली की बिक्री भी धड़ल्ले से कर रहे है।लेकिन स्वास्थ विभाग का इस ओर कोई ध्यान नही है।
ग्रामीणों को मजबूरी के चलते अपनी जान को जोखिम में डालकर अपना इलाज कराना पड़ रहा है।लेकिन जिम्मेदार कुम्भकर्णीय नींद में मस्त है।
मौसमी बीमारी का प्रकोप-
बारिश के मौसम में मौसमी बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है।स्वास्थ विभाग ने इस ओर ध्यान आकर्षित कर अपनी निचली टीम एएनम व आशा कार्यकर्ताओं को सतत मोनिटरिंग से ऐसे मरीजो को चिन्हित कर जिनका स्वास्थ खराब है उनका उपचार करवाना चाहिये।
स्वास्थ विभाग अमला इस ओर ध्यान नही देता है तो मजबूरी वश ग्रामीण अपना इलाज झोलाछाप डॉक्टरों के पास कराने को मजबूर हैं ।

इनका कहना है…
पूर्व बीएमओ डॉ दीपक कुमार जायसवाल द्वारा की गई कार्यवाही और पंचनामा की रिपोर्ट मुझे मिल चुकी है लिमिट की जांच व प्राण भाई के लिए कलेक्टर सर से चर्चा का दल गठित किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।

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