हरदा से धीरज वर्मा की रिपोर्ट
हरदा । स्टीमेट बिल, कच्ची पर्ची की आड़ में टैक्स चोरी करने की नियत से शहर में सैकडों बडे – छोटे व्यापारी बिना जीएसटी नंबर लिये व्यापार कर रहे है। जिससे शासन को तो हर साल करोडों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्राहकों को भी ठगा जा रहा है। अभी हाल ही में आयुक्त वाणिज्य कर मध्यप्रदेश इंदौर का पत्र प्राप्त होने के बाद हरदा वाणिज्य कर विभाग द्वारा ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है। जो बिना जीएसटी नंबर लिये व्यापार कर रहा है। जानकारी देते हुए जीएसटी अधिकारी निर्मल परिहाल ने बताया कि वृत्तिकर अधिनियम की धारा 12 के अनुसार जीएसटी पंजीयन अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि शहर में पंजीयन में वृद्धी करने के लिए विभागों से सरकारी क्षेत्रों में में वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति करने वाले व्यापारियों की जानकारी जुटाई जा रही है। प्रमुख रुप से खनन विभाग, पंजीयन विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों से पंजीयन व्यवसाईयों की जानकारी संकलित कर उन व्यवसाईयों में से जीएसटी अधिनियम के अधीन पंजीयन हेतु दायी व्यापारियों के खिलाफ वैद्यानिक कार्यवाही की जाएगी। श्री परिहार ने यह भी बताया कि जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत टीडीएस के प्रावधान अनुसार सभी स्थानीय निकायों, सरकारी विभाग का डीटीएस डिडक्टर के रुप में पंजीयन तथा उन्हें कतिपय श्रेणियेां के सप्लायर्स को पंजीयन लेना अनिवार्य है।
पंचायतों में भी हो रही टैक्स चोरी
जिले के सरकारी कार्यालयों में स्टेशनरी, कार्यालय सामग्री की खरीदी और ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री की खरीदी में भी बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी की जा रही है। पंचायतें किसी भी फर्म या विक्रेता के साधारण बिल लगाकर लाखों रुपए का भुगतान कर रही हैं। यह विक्रेता जीएसटी पंजीयन ही नहीं लिए रहते इस कारण बड़े पैमाने पर कर चोरी की जा रही है।
इनका कहना है
बिना जीएसटी पंजीयन के व्यापार करना अपराध है। इसके लिए विभाग द्वारा मुहिम शुरु की गई है। जिन व्यापारियों ने नियम अनुसार पंजीयन नहीं कराया है। उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
निर्मल परिहार ,असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी हरदा