सुदर्शन टुडे ब्यूरो रिपोर्ट जितेन्द्र साहू कानपुर
दरअसल, घरों में बढ़ती बिजली की खपत को देखते हुए सरकार ने अब कुदरती संसाधनों पर अपना भरोसा जताया है। आग उगल रहे सूरज की तपिश को सौर ऊर्जा के जरिए बिजली में कन्वर्ट कर लोगों के घरों तक बिजली पहुंचाने की योजना है। सरकार ने कुछ बड़े प्रोजेक्टों के साथ सौर ऊर्जा प्लांट का खाका तैयार किया है।
जालौन जिला के प्रोजेक्ट में गतिशीलता लाते हुए 1200 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करना शुरू कर दिया है।
जिले में 5 सौर ऊर्जा प्लांट कर रहे बिजली उत्पादन
जालौन में बड़ी इंडस्ट्रीज भी सोलर प्लांट के लिए जमीन तलाश रही हैं। हालांकि सोलर एनर्जी प्लांट की शुरुआत 2016 में समाजवादी सरकार ने की थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने सोलर प्लांट का विस्तार करने का मन बनाया है। जिले के कदौरा, हैदलपुर, उकासा, डकोर, परासन इन गांवों में 5 सोलर प्लांट का कार्य संचालित है। इन सौर ऊर्जा प्लांटों से करीब 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। प्लांटों से पैदा होने वाली बिजली को ग्रिड पावर कॉरपोरेशन खरीद रहा है।जिले में बड़े पैमाने पर सोलर एनर्जी का उत्पादन होने से भविष्य में बिजली के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर इसी गति से सरकार के सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलती मिलती रहीं तो स्थानीय स्तर पर हर घर को 24 घंटे बिजली मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जिले के गुढ़ाखास में 75, बंधौली में 45 और टीकर में 35 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट का टेंडर होना अभी बाकी है और जल्द यहां भी प्लांटों को स्थापित कर बिजली उत्पादन की शुरुआत कर दी जायेगी