महेश प्रसाद
मनेंद्रगढ़ – भरतपुर सोनहत विधानसभा के पूर्व विधायक व सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो ने कोरबा लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी बात कही है कमरो ने भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय को बाहरी बताते हुए कहा की भाजपा लगातार बाहरी प्रत्याशी को क्षेत्र के भोले भाले लोगों पर थोपने का कार्य कर रही है जिससे क्षेत्र की आम जनता के हक पर डांका और क्षेत्र में बाहरीवाद से विकास गर्त में जा रहा है । कमरो ने कहा की विधानसभा चुनाव में भाजपा भरतपुर सोनहत के विकास पर निकम्मापन थोप चुकी है साथ ही इस क्षेत्र की विधायक ने स्वेच्छानुदान की राशि को क्षेत्र के जरूरतमंदों के बजाय सूरजपुर के लोगों को देकर बाहरीवाद को बढ़ावा दिया है और अब फिर से दोबारा कोरबा लोकसभा सहित एम सी बी जिले में भाजपा वही कृत्य दोहराने का प्रयास कर रही कमरो ने कहा की रेणुका सिंह की तरह सरोज पांडेय केंद्रीय नेतृत्व वाली प्रत्याशी हैं जिसकी वजह से उनके साथ भी उन्ही के क्षेत्र के लोग उन्हें जिताने के लिए इस क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं और चुनाव जीतने के बाद सारा श्रेय भी उन्ही को मिलेगा और पूरे पांच वर्ष कोरिया, एम सी बी,मरवाही और कोरबा के विकास और यहां के लोगों का हक यही लोग चाट जायेंगे । गुलाब कमरो ने एम सी बी कोरिया सहित कोरबा लोकसभा क्षेत्र की आम जनता से अपील करते हुए कहा है की भाजपा के बाहरीवाद से क्षेत्र के लोगों का शोषण होगा सिर्फ इनके गुर्गों का ही राजकाज चलेगा बड़े कारोबारियों और उद्योगपतियों के लोग ही क्षेत्र में हावी रहेंगे जिसकी वजह से क्षेत्र के लोग पूरे पांच साल खुद को ठगा सा महसूस न करें और विधानसभा चुनाव में हुई गलती से सीख लेते हुए भाजपा के पैराशूट प्रत्याशी सरोज पांडेय और उनके गुर्गों को बाहर का रास्ता दिखाएं और कांग्रेस की सरकार में जिले के रूप में एम सी बी और मेडिकल कॉलेज की सौगात क्षेत्र को मिली वैसे ही क्षेत्र के विकास को गति देते हुए कांग्रेस से कोरबा लोकसभा प्रत्याशी ज्योत्सना महंत जी को अपना वोट दें और बाहरीवाद शोषण से खुद को और क्षेत्र के लोगों को निजात दिलाए । कमरो ने स्थानीय विधायक व मंत्री पर चुटकी लेते हुए कहा की महज तीन महीने में ही बड़े घालमेल के आरोपों से घिरे स्वास्थ मंत्री क्या चुनाव पश्चात अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या फिर बंदर के हाथ लगा नारियल लुढ़क कर फूटने वाली कहावत चरितार्थ होगी।
विडंबना,,,
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में सरोज पांडेय के बाहरी विचौलियों की मनमानी भाजपा को पहुंचा रही हानि
माना की मोदी लहर का कहर कांग्रेस पर भारी पड़ रहा है और मोदी के लिए देश भर में 400 पार के आंकड़ों की हवाईयां उड़ रही है परंतु जहां एक तरफ भाजपा के सजग सिपाही और समर्पित कार्यकर्ताओं की बदौलत भाजपा की जमीनी स्थिति हमेशा मजबूत देखने को मिलती रही है तो वहीं दूसरी ओर कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्यासी सरोज पांडेय के लिए चुनावी गतिविधियों में उतरे गैर भाजपाई ब्यापारी और उद्योगपतियों की भाजपा कार्यकर्ताओं से बदजुबानी और हिटलर साही आदेश कार्यकर्ताओं में रोष पैदा कर रही है अंदरूनी मामला क्या है हमे नही पता पर सूत्रों की माने तो दबी जुबान ही सही पर भाजपा कार्यकर्ता भी सरोज पांडेय के बाहरी गुर्गों की तानाशाही सहने को तैयार नहीं हैं जिसकी वजह सिर्फ यही मानी जा रही है की गैर भाजपाईयों का बड़ा खेमा संगठनात्मक कार्यशैली से नहीं बल्कि अनाधिकृत तौर तरीकों और दबाव से चुनावी जंग जीतने की जुगत में हैं बात करें लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत कोरिया और एम सी बी जिले की तो यहां पर भी यही स्थिति लगातार देखने को मिल रही है । भाजपा के जड़ में मठ्ठा डालने में भितरघाती भाजपाई भी अपनी भूमिका में सक्रिय देखे जा रहे हैं । क्षेत्र में भाजपा कई टुकड़ों में बंट गई है पार्षदी हारने वाले भितरघाती भाजपाईयों की करतूत से बैकुंठपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक को 41 हजार की बढ़त मिली । हालांकि बैकुंठपुर विधानसभा चुनाव भी भाजपा जीती और राज्य में सरकार भी बनी परंतु सोचने का विषय भी है की आखिर जिस कांग्रेस विधायक के जमानत जप्त के आंकड़ों से आगे कोई भी जिले वासी नहीं बढ़ रहा था तो उसने 41 हजार का बड़ा आंकड़ा कैसे पार कर लिया । जबकि विधानसभा जिसे स्थानीय चुनाव कहा जाता है और क्षेत्र में प्रत्याशियों के नकारात्मक सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं बावजूद इसके क्षेत्र में जिला विभाजन का विरोध,भाजपा की एकजुटता,क्षेत्रीय विधायक भईया लाल राजवाड़े की लोकप्रियता साथ ही ठीक चुनाव से पहले ब्राह्मण समाज द्वारा कांग्रेस से बगावत जैसे दौर में भी कांग्रेस विधायक को चौकाने वाले आंकड़े मिलना हतप्रभ सा कर देता है । वहीं अगर वर्तमान लोकसभा चुनाव के परिदृश्य की चर्चा करें तो कोरिया और एम सी बी जिले में महंत परिवार का इतना खुला विरोध भी नही है बल्कि दोनो जिलों में विधानसभा की अपेक्षा वर्तमान में भाजपा अपनी आपसी तालमेल खो चुकी है भितरघाती भाजपाईयों की आपसी खींचतान चरम सीमा लांघ चुकी है या यह भी कह सकते हैं की भाजपा प्रत्याशी के रशूख और उनके गृह जिले से चुनावी रणनीति साधने आए लोगों की वजह से भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं के लिए वर्चस्व बचाने की कवायद तेज हो गई है शायद इसीलिए भाजपा टुकड़ों में बिखर चुकी है और जिसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना चरणदास महंत को मिलता दिख रहा है।