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अनुभव प्रमाण पत्र और विशेष पुलिस अधिकारी संबंधित कार्य एक ही समय पर आ जाने के कारण अतिथि शिक्षकों को भारी चिंता, कहीं एक तरफ नुकसान न हो जाए अनुभव प्रमाण पत्र के लिए हद से ज्यादा परेशान किये जा रहे हैं अतिथि शिक्षक

सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट

मंडला। अनुभव प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिले के हजारों अतिथि शिक्षक प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण हद से ज्यादा परेशान किये जा रहे हैं।ऐसी जानकारी जिले भर के अतिथि शिक्षकों की ओर से लगातार मिल रही है।

प्राप्त जानकारियों के अनुसार जिला अध्यक्ष अतिथि शिक्षक परिवार पी.डी.खैरवार ने जारी विज्ञप्ति में बताया है,कि जिले में लगभग 4000 से अधिक अतिथि शिक्षक हैं। जिनको अनुभव प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के चलते हद से ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है।बता दें, लगभग एक महीने पहले से अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र तैयार कराये जाने के साथ साथ चुनाव में विशेष पुलिस अधिकारी बनाये जाने शासन स्तर से आदेश आए हुए हैं।ये दोनों काम अतिथि शिक्षकों के सिर पर एक ही समय आ गये हैं। जिससे अतिथि शिक्षकों पर तिहरा संकट आन पड़ा है। अनुभव प्रमाण पत्र के लिए संबंधित विद्यालय संकुल, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कार्यालय एवं शिक्षा अधिकारी कार्यालय आदि का चक्कर बार-बार काटने मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं विशेष पुलिस अधिकारी की ट्रेनिंग और डाक मतदान करने दो-दो बार जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है।जिसके लिए कोई मानदेय आदि की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। अनुभव प्रमाण पत्र के लिए स्कूल से लेकर जिला कार्यालयों में बैठे कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा तो अतिथि शिक्षकों से बदसलूकी किये जाने की भी खबर है,तो कुछ जगह लेट लतीफी कर बार बार बुलाए जाकर परेशान करने की ।अतिथि शिक्षकों ने यह भी बताया है,कि अनुभव प्रमाण पत्र कार्य के लिए उनको इन सब कार्यालयों के दर्जनों चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बावजूद इसके उनका अनुभव प्रमाण पत्र आसानी से नहीं बन पा रहे हैं।जिले भर में औसतन पचास फीसदी अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र अंतिम तिथि तक नहीं बन पा रहे हैं।जिसके कारण अतिथि शिक्षकों का मानसिक,आर्थिक ही नहीं व्यावहारिक संतुलन भी बिगड़ता जा रहा है।इस खबर के माध्यम से जिला प्रशासन से मांग की गई है,कि अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र विधिवत रूप से बिना अतिथि शिक्षकों को परेशान कराए तैयार कराए जाना चाहिए।ऐसी कोई व्यवस्था बनाई जाना चाहिए कि अतिथि शिक्षकों का अनुभव प्रमाण पत्र विद्यालय संकुल आदि के कार्यालय में संधारित दस्तावेजों के आधार पर ही तैयार हो जाएं अतिथि शिक्षकों को जानकारी संकलित करने या संबंधित के हस्ताक्षर कराने कार्यालयों के चक्कर लगाने न पड़ें। वैसे भी अतिथि शिक्षकों को कम मानदेय मिलने के कारण इस तरह के अनावश्यक खर्चे बड़े मंहगे पड़ते हैं।अभी भी कार्यरत अतिथि शिक्षकों का मानदेय मार्च से नहीं दिया गया है। जिन अतिथि शिक्षकों को काम से बाहर कर दिया गया है,उनका भी अनुभव प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।इनके साथ तो दोहरी समस्या चल रही है। साथ ही अतिथि शिक्षकों की ओर से ऐसी शिकायत अब बार-बार न करना पड़े प्रशासन ऐसी कोई व्यवस्था बनाए।

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