बदनावर। नगर परिषद द्वारा आयोजित 9 दिन चलने वाले श्रीबैजनाथ महादेव मेले में पिछले दो दिनों से बच्चों का उत्साह परवान चढ़ गया है। नगर का यह प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव बच्चों एवं महिलाओं के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। कुछ साल पहले तक मेले का खास दिन अमावस्या रहती थी। लेकिन अब उल्टा हो गया है। अमावस्या को ग्रामीण अंचल से कम लोग आते हैं और अगले दिन गुड़ी पड़वा से भीड़ उमड़ती है। जो अगले चार-पांच दिन तक खूब रहती है। इन्हीं दिनों में मेले में लगी दुकानों पर जमकर खरीदी होती है और दुकानदारों का मेले में आना सफल हो जाता है। चकरी झूले में झूलने के साथ ही अब बच्चों के मनोरंजन के लिए नए-नए साधन आने लगे हैं और बच्चे तथा युवा दर्शक इनका भरपूर लुफ्त उठाते हैं। जबकि महिलाएं हर सामान का मोल भाव करते हुए अपनी पसंद की खरीदारी करती है।आज भी कई घरों की महिलाएं साल में 1- 2 बार ही मेले के बहाने घर से निकलती है और बाजार में हर सामान मिलने के बावजूद मेले की याद रखने के लिए छोटा बड़ा सामान अवश्य खरीदती हैं।जबकि बच्चे घूमने फिरने और खाने पीने के अलावा सस्ते महंगे खिलौने अवश्य खरीदते हैं और इसके लिए जिद करते हैं। भले ही यह खिलौने दो-चार दिन में टूट फूट जाए। एक तरह से हर परिवार में मेले के दौरान जेब हल्की हो जाती है। उधर नगर परिषद ने इस बार मेले में दर्शकों की सुविधा के लिए कई प्रयास किए हैं। रास्तों की चौड़ाई बढ़ाई है। झूले चकरी के क्षेत्र में जगह अधिक रखी है ताकि भीड़ होने पर कोई अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो। सुरक्षा इंतजाम के लिए पुलिस फोर्स भी बाहर से बुलाया गया है। बिजली और पानी की व्यवस्था की गई है। इस बार निकायकर्मियों द्वारा दुकानदारों को मन पसंद जगह देने तथा पैसे खाने की शिकायत भी नहीं मिली है। हालांकि इसके लिए नगर परिषद अध्यक्ष के प्रतिनिधि शेखर यादव व मेला समिति अध्यक्ष के प्रतिनिधि संतोष चौहान को खूब मशक्कत करना पड़ी है।