बदनावर। यहां प्राचीन बैजनाथ महादेव मंदिर पर चल रही सात दिवसीय संगीतमयी शिवमहापुराण कथा का आज चौथा दिन था। आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे। कथा में पूरा माहौल राममयी रहा।कथावाचक पंडित महेश पाराशर शास्त्री ने प्रवचन में कहा कि 22 जनवरी को भारत के इतिहास में बहुत बड़ा गौरवशाली दिन होगा। 500 वर्ष के बाद हमें जीवन जीने की शैली सिखाने वाले हमारे कर्णधार भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। यह सनातन धर्म के लोगों के कड़े संघर्षों के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने भगवान राम पर प्रश्न खड़े कर काल्पनिक बताने वाले लोगों से कहा कि राम का इतिहास वर्षों पुराना है। रामसेतु किसने बनाया, लंका के अवशेष आज भी प्राप्त हो रहे हैं। यह सब राम के होने का ही प्रमाण है। कुछ ताकते हिंदू समाज पर हमेशा षड्यंत्र रचती आ रही है। किंतु ऐसे लोगो को हमे सबक सिखाना है। उन्होंने कहा कि रामायण का पाठ हर घर होना चाहिए। रामायण हमें धर्म एवं सदमार्ग पर चलना सिखाती है। हमे जीवन मे हमारे शास्त्रों के आदर्शों को अपनाना है। मनुष्य जीवन बड़े भाग्य से मिलता है। जीवन में सदैव अच्छा काम करे। उन्होंने कहा कि वेस्टर्न कल्चर इंडिया में प्रवेश कर चुका है। इससे हमें दूर रहना है और पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर सनातन धर्म की संस्कृति से हमेशा काम करना है। कथा में शास्त्री ने रुद्राक्ष के बारे में भी बताया तथा रुद्राक्ष का महत्व विस्तार से बताया। कथा के बीच-बीच में संगीतमयी भजनों पर श्रद्धालु भक्ति में मग्न होकर जमकर थिरके। यहां पर प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक कथा सुनाई जा रही है। इसके पहले सुबह 9 बजे से 11 तक पार्थिव शिवलिंग अभिषेक भी हो रहा है।