सुदर्शन टुडे संवाददाता नूतन गिरी गोस्वामी
वर्तमान में लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ शोधार्थी डॉ बसंत श्रीवास्तव को महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित अट्ठाइसवें दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधि अर्पित करेंगे। उन्होंने लोक प्रशासन एवं राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की तत्कालीन अध्यक्ष एवं आचार्य डॉ निशा वशिष्ठ के निर्देशन में महत्वपूर्ण विषय ‘‘भारत के राज्यों के लोकायुक्त संगठन का तुलनात्मक अध्ययन’’ (मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश के विशेष संदर्भ में) पर शोध कार्य किया है। इनके द्वारा लोकायुक्त मध्यप्रदेश के अंतर्गत आने वाले 9 कार्यालयों एवं लोकायुक्त उत्तरप्रदेश का कार्यालय एवं महानिदेशक सतर्कता अधिष्ठान उत्तरप्रदेश के 15 कार्यालयों से डाटा एकत्रित कर एवं लोकायुक्त मध्यप्रदेश, उप लोकायुक्त मध्यप्रदेश एवं लोकायुक्त उत्तरप्रदेश, उप लोकायुक्त उत्तरप्रदेश, महानिदेशक लोकायुक्त मध्यप्रदेश, महानिदेशक सतर्कता अधिष्ठान उत्तरप्रदेश का साक्षात्कार लेकर एवं कार्यालय से आंकड़े एकत्रित कर एवं उक्त दोनों संगठनों के वार्षिक प्रतिवेदनों का अध्ययन कर उक्त शोध कार्य को पूर्ण किया है। इनके तुलनात्मक अध्ययन में इन्होंने पाया कि लोकायुक्त संगठन म.प्र. में लोकायुक्त के अंतर्गत महानिदेशक विशेष पुलिस स्थापना की जांच एजेंसी निहित होकर अधिक शक्तियां प्राप्त है जबकि उत्तरप्रदेश लोकायुक्त संगठन में लोकायुक्त के पास पृथक से कोई जांच एजेंसी नहीं है। उत्तरप्रदेश सतर्कता अधिष्ठान पृथक से गृह विभाग के अधीन कार्य करता है एवं इसका प्रमुख महानिदेशक सतर्कता होता है। डॉ बंसत श्रीवास्तव द्वारा किया गया शोध कार्य संगठन में कार्यरत रहते हुए किया गया है एवं उक्त शोध कार्य से जो निष्कर्ष प्राप्त हुआ है वह वास्तविक हैं। इससे कई अच्छे निष्कर्ष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को मजबूत करने के लिए प्राप्त हुए हैं।