वन भूमि में निर्माण के साथ ही सामुदायिक भवन निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग की, की शिकायत।
सुदर्शन टुडे राजगढ़
राजगढ़। पंचायत विभाग में हुए निर्माण कार्यों को लेकर लगातार शिकायते सामने आती रही है। जिले भर की जनपद पंचायत में आचार संहिता से पहले हुए निर्माण कार्य को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए मय दस्तावेजों के भी शिकायत की गई इसके बावजूद भी कई मामलों में अधिकारियों की मिली भगत से मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। वही शिकायतकर्ता को भी संतुष्टि के तौर पर समझाइए के साथ शिकायत करने से भी रोका जाना सामने आता रहा हे। लेकिन हाल ही में जो मामला सामने आया है वह फॉरेस्ट की जमीन से जुड़ा हुआ है जहां फॉरेस्ट के कर्मचारियों अधिकारियों की मिली भगत से वन भूमि में तालाब का निर्माण बिना किसी परमिशन के हो गया है। साथ ही ग्रामीणों की माने तो उन्होंने बताया कि जिस जमीन की परमिशन नहीं थी वहां पर भी सड़क का निर्माण करा दिया गया है वहीं गांव में हुए बिल्डिंग निर्माण के साथ ही अन्य निर्माण कार्यों में भी घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए मय मापदंडों से हटकर अपनी मन मर्जी से निर्माण कार्य कराए गए हैं। उक्त मामले में राजगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पीपलोदी के दर्जन भर से भी ज्यादा ग्रामीण जिला पंचायत पहुंचे जहां उन्होंने शिकायत करते हुए बताया कि पंचायत में कई प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए थे जो जहां बनने थे वहां की अपेक्षा अन्य गांव में निर्माण करा दिए गए, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वन भूमि की जमीन पर बिना परमिशन के सरपंच व पंचायत सचिव द्वारा बिना मजदूर लगे मशीनों से निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। जबकि ग्राम पंचायत में 2400 जॉब कार्ड धारी मजदूर मजदूरी के इंतजार में बेरोजगार बैठे हुए हैं। इनमें से 1100 जॉब कार्ड धारी हितग्राहियों के खाते में पैसा नहीं डाला जाता। वहीं जो निर्माण कार्य हुए हैं वह भी घटिया सामग्री लगाते हुए कराए गए हैं उन्होंने जिला पंचायत सीईओ के साथ ही अन्य अधिकारियों से जांच कराते हुए कार्यवाही की मांग की। शिकायत कर्ताओं में जसवंत सिंह गुर्जर, केदार सिंह, दयाराम, समर सिंह, इंदर सिंह, गोपाल सिंह, विष्णु प्रसाद के साथ ही अन्य ग्रामीण मौजूद रहे