सुदर्शन टुडे संवाददाता शिवशंकर राठौर
झिरन्या।खरगोन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बाद खराब हुई फसलों से परेशान किसानों के सामने अब नई परेशानी आ गई।किसानों को डर है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मुआवजा वितरण का काम अधर में ना अटक जाए। प्राकृतिक आपदा में आचार संहिता से पहले जो मदद मिलने वाली थी, वह अब आचार संहिता लगने के बाद मिलेगी की नहीं मिलेगी। अतिवृष्टि ओलापीड़ित गांव के किसानों ने बताया है कि इस तरह की बातें सामने आने के बाद पीड़ितों की चिंताएं बढ़ गई हैं। अब तक अतिवृष्टि ओलावृष्टि से कई गांव प्रभावित हुए। खेतों में बिछी हुई फसल बर्बाद हो गई।अब किसान जैसे तैसे बिछी फसल को अतिरिक्त पैसे देकर कटाई कराई। अतिवृष्टि एवं ओला वृष्टि से केवल फसल बर्बाद नही हुई।बल्कि किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया।इस बार फसल के अच्छे दाम मिलने उम्मीद लगाए बैठे किसानों के सारे सपने टूट गए।किसी की बेटी की शादी करनी थी तो किसी को कर्ज चुकाना था।अब उन्हें सरकार से मिलने वाले मुआवजा का इंतजार था। लेकिन कहीं आचार संहिता उनकी उम्मीदों पर रोड़े न डाल दें। किसानों ने आरोप लगाया कोई जनप्रतिनिधि हमारे ओर ध्यान नहीं दे रहा और न मुआवजा राशि की बात कर रहा है।सभी ने नेताओ ने सहानुभूति दिखाने के लिए खेतों में पहुंचकर फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। और वाह वाही लूट ली।और अब मुआवजा का म नही बोल रहे कोई।
अब किसानों की यही मांग है कि जल्द से जल्द मुआवजा राशि वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाए।