सुदर्शन टुडे राजगढ़
राजगढ़। भारत सरकार हो या मध्य प्रदेश सरकार लगातार दिव्यांगों के लिए कई ऐसी योजनाएं चला रही है जिनसे उनका जीवन यापन, उनके जीवन की शिक्षा व उनके विवाह से लेकर पूरे जीवन घर बैठकर खाना खा सके इसके लिए पेंशन आदि सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। लेकिन सिस्टम की अनदेखी व धरातल पर ध्यान में होकर भी ध्यान नहीं दिए जाने के कारण आज भी कई बच्चे अपने अधिकारों से वंचित हैं। और वह शिक्षा पाने के लिए लंबी दूरी मशक्कत करते हुए तय कर रहे हैं। ऐसा ही एक मांजरा राजगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजगढ़ जनपद पंचायत की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में शामिल करेड़ी गांव का सामने आया है जिसमें दूसरी क्लास का एक छात्र बदला हुआ नाम ऋतिक जो कि दोनों पैरों से पूरी तरह से विकलांग है प्रतिदिन 2 किलोमीटर एक जुगाड़ के सहारे अपने विद्यालय तक भारी गर्मी में पसीना बहाते हुए शिक्षा पाने के लिए पहुंच रहा है। वही आते समय में भी इस जुगाड़ के सहारे वह घर तक पहुंचता है। जहां तक पक्की सड़क है बेरिंग लगा जुगाड़ उसे लेकर जाता है। जहां पक्की सड़क खत्म हो जाती है वहां आधा किलोमीटर का सफर करने में जुगाड़ को वह स्वयं घिसकर अपने घर तक लेकर जाता है। प्रदेश टुडे के सामने जब यह तस्वीर आई तो तस्वीर को अपने कैमरे में कैद करते हुए मामले में संज्ञान लेने वाले अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ ही पंचायत पदाधिकारियो का ध्यान आकर्षण कराया जहां से पता चला कि बच्चा सरकारी स्कूल में अध्यनरत हैं लेकिन गांव करेड़ी में प्राइवेट स्कूल संचालन करने वाले एक संचालक ने बच्चे की बेहतर शिक्षा के लिए उसे अपने विद्यालय में भी स्थान दे रखा है। जहां बिना फीस के वह समय-समय पर बच्चे को गाइड कर रहे हैं बच्चे की माने तो उसने बताया कि पिछले साल शासकीय माध्यमिक विद्यालय करेड़ी में पदस्थ शिक्षक जगमोहन जी गुप्ता ने यह जुगाड़ मुझे राजगढ़ से लाकर दिया था। जिसके सहारे में पढ़ने के लिए विद्यालय तक पहुंच रहा हूं।मेरे मां-बाप अत्यंत गरीब हैं जो आए दिन विभिन्न लोगों के यहां मजदूरी करते हुए मेरा और अपना पेट पाल रहे हैं। ऐसे में बच्चे ने स्वयं की शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था की गुहार भी प्रदेश टुडे की टीम से लगाई थी अब देखना यह होगा कि जहां सरकार लगातार कई लोगों की जिंदगी संवारने के लिए काम कर रही है वहां इस बच्चे के लिए क्या कुछ बेहतर हो सकता है।इनका कहना…बच्चे के माता-पिता के माध्यम से हमने सभी दस्तावेज एकत्रित कर लिए हैं जल्द ही आवेदन करते हुए संबंधित विभाग से बच्चे को साइकिल उपलब्ध कराने के लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। मुझे भी बच्चे के संबंध में कुछ दिन पहले ही जानकारी मिली थी।कमलेश बैरागी रोजगार सहायक ग्राम पंचायत करेड़ी बाल संरक्षण की दिशा में जहां सरकारे काम कर रही है वहीं कई सामाजिक संगठन बच्चों के हित में सहयोग करते हुए उनका जीवन संवारने का काम कर रहे है इस बच्चे की भी कहानी कुछ ऐसी ही है हम जल्द ही कलेक्टर महोदय से मिलकर बच्चे के हित में उचित व्यवस्था करने का निवेदन करेंगे।
मनीष दांगी
अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी