शंकर सिंह सोलंकी
आदिवासी क्षेत्र की किशोरियों के साथ किशोर अवस्था और स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का सोमवार को रहटगाँव के अग्रवाल मांगलिक भवन मे क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजित किया गया । जहां सिनर्जी संस्थान द्वारा संचालित शिशु एवं मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में ग्राम बड़झिरी, बोवदा, बासपानी, बंशीपुरा, इंद्रपुरा और सिंगोंडा की 40 किशोरियों को उनके स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता इसकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में विचार रखते हुए प्रशिक्षक आरिफ़ खान ने कहा कि स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ पूंजी है। स्वस्थ व्यक्ति सभी कार्य सुलभता से कर सकता है।
स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, पौष्टिक आहार, साफ सफाई, स्वस्थ परिवेश और स्वस्थ मनोरंजन से ही प्राप्त होता है। इसलिए लोगों को अपने आसपास और स्वयं की साफ सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। हमेशा पानी को ढंककर रखना चाहिए। शुद्ध जल ही पीना चाहिए। खान पान एवं ताजा और पौष्टिक भोजन से सिर्फ व्यक्ति स्वस्थ होता है बल्कि उसका आचार विचार व्यवहार में भी परिवर्तन आता है। खाद्य सुरक्षा कानून पूरे देश में लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश का कोई भी व्यक्ति भूखा सोए । इसके तहत सरकार सस्ते दर पर अनाज मुहैया कराएगी । ताकि के सभी पोषण का ध्यान रखा जा सके।
भोजन की कमी से होता है बच्चों का वजन कम
आरिफ़ ने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान, सेहत और शिक्षा मनुष्य की पांच मूलभूत आवश्यकताएं हैं। इसके बिना मनुष्य का जीवन नर्क के समान हो जाता है। जिसमें भोजन और सेहत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसके मिल पाने से गरीबी, कुपोषण, भुखमरी जेसी गंभीर समस्याएं उत्पन