सुदर्शन टुडे शहडोल
बच्चों का होगा स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण
शहडोल। कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने जिले में दगना कुप्रथा को रोकने हेतु 7 फरवरी से 9 फरवरी तक जिले में विशेष अभियान चलाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान के तहत प्रशासन द्वारा जारी कार्ययोजना एवं मानक प्रचालन प्रकिया (SOP) अनुसार,ब्लाक, परियोजना स्तर से ग्राम स्तरीय दल ( आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ए०एन०एम० एवं आशा कार्यकर्ता )का दल गठन करते हुये, ० से 1 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य जांच हेतु विशेष अभियान दिनांक 07 फरवरी से 09 फरवरी 2024 तक आयोजित करे, जिसमें बच्चों के दागे जाने के परिपेक्ष्य में शीत जनित बीमारियों (सर्दी, जुकाम, निमोनिया, पेट फूलना, सांस लेने में तकलीफ आदि) से ग्रसित बच्चों की लाइन लिस्टिंग कर उसे नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाकर उपचार दिलाया जाये। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु के दागने की घटना का संज्ञान होने पर संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आशा कार्यकर्ता के सहयोग से शिशु को तत्काल इलाज हेतु नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया जाना सुनिश्चित हो,परियोजना अधिकारी एवं संबंधित पर्यवेक्षक चिकित्सा अधिकारी के संपर्क में रह कर नवजात शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी स्वंय करेगें,जिला बाल संरक्षण इकाई नवजात शिशु के देखभाल व संरक्षण की आवश्यकतानुसार बाल कल्याण समिति के माध्यम से देखभाल एवं संरक्षण समुचित आदेश प्राप्त करना तुनिश्चित किया जायेगा, नवजात शिशु को दागने वाली घटना क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, व आर.बी.एस.के. के साथ क्षेत्र के नवजात शिशुओं का सर्वे किया जाकर उनके स्वास्थ्य, वजन एवं टीकाकरण की जानकारी लेकर आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करायी जायेगी, नवजात शिशु को दागने वाली घटना क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती माताओं, धात्री माताओं व अन्य स्थानीय जन मानस के साथ कुप्रथाओं के उन्मुलन के संबंध में चौपाल, संगोष्ठी , बैठक कर समझाईश प्रदान करेगें,घटना वाले क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता / पर्यवेक्षक / परियोजना अधिकारी द्वारा तत्काल जादू टोटके करने वाले ओझा/गुनिया / दाई आदि को चिन्हित किया जायेगा तथा उसकी सूचना स्थानीय थाना को भेजी जायेगी,दागना कुप्रथा का व्यवहार करने वाले सामुदायों के जन प्रतिनिधि, धर्मगुरू, पंडा आदि के साथ बैठक कर सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन हेतु प्रेरित किये जाए।