सुदर्शन टुडे भास्कर पाण्डेय
डिण्डौरी जिला मुख्यालय के तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण इलाकों में एक ही नजारा देखने को मिल रहा है। जगह खेतो की नरवाई जलाने के कारण जंगलो मे आग ही आग दिखाई दे रही हैं। जिसके कारण सुबह शाम घने कोहरे जैसा मौहोल धुँआ के कारण नजर आ रहा है। गर्मी के मौसम की शुरुआत हुये अभी कुछ ही समय हुआ है और न जाने कितने लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करते हुए मानव जीवन में वायु प्रदूषण घोल रहें हैं जी हाँ हम बात कर रहे हैं आम जनता से लेकर जीव जन्तुओं सहित पशु पक्षियों की। इनके रहने खाने पीने से लेकर घरों में सुरक्षित आक्सीजन वायु प्रदूषण की बात। जिला मुख्यालय से लेकर तहसील कार्यालय से ग्राम पंचायत तक चारों तरफ धुँआ ही धुँआ और इसका मुख्य कारण खेतो से लेकर जंगलों की ओर बड़ रही आग की चिंगारी हैं। ये कोई क्यो नहीँ समझता है कि आग हैं मानव जीवन,पर भारी,जिसे चन्द मिनटों में कर देती हैं सब कुछ राख। फिर भी ये चिंगारी लगातार देखने मिल रही हैं खेतों की नरवाई जलाने पर लम्बी लम्बी आग की लपटें उठ रही हैं। वन विभाग के द्वारा अगर जल्द ही इसके बारे में कुछ नहीं किया गया तो आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों को तो हम खो देंगे। उसके साथ साथ हम अपने घर में एक दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी उपलब्ध करा देंगे। अभी नहीं तो कभी नहीं समय रहते जाग जाये प्राकृतिक छति के साथ साथ मानव जीवन के लिये अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है। वहीं लगातार आग की घटनाये बढ़ती जा रही है। देखते हुए जिले के रत्नाकर झा कलेक्टर डिंडोरी एक तरफ पेट लगवा रहे हैं और दूसरी तरफ वन विभाग के द्वारा कोई रक्षा नहीं की जा रही है जंगलों में आए दिन आग भडकती रहती है और वन विभाग के अमलो के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती जबकि प्रतिदिन कोयला चोर शहर में आते हैं और कोयला बेचकर जंगल को नष्ट करके चले जाते है इसका परिणाम क्या होगा यह बता पाना मुमकिन नहीं है