श्योपुर- रसूखदारों के द्वारा आदिवासी विकासखंड मुख्यालय कराहल के कस्तूरबागांधीं बालिका छात्रावास और सहरिया आदिवासी समाज के लोगों के निर्माणाधीन पीएम आवास के सामने पत्थर खदान शुरू की जा रही है जिसका आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा विरोध जताया गया है। उन्होंने मामले की शिकायत प्रशासन की अधिकारियों से भी की है। आदिवासी समाज के लोगों का आरोप है कि, कुछ रसूखदार लोग उनके आशियानों के सामने पत्थर खदान शुरू करना चाहते हैं इसके लिए वह आए दिन जेसीबी लेकर वहां पर आ जाते हैं। उनकी माने तो शासन के द्वारा उक्त जमीन को उनके प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए दिया था, जिस पर कई लोगों ने आवास का निर्माण भी करवा लिया है, कई के आधे अधूरे आवास बन चुके है, इसी जगह पर कुछ कदम की दूरी पर ही कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास संचालित है अन्य कई सरकारी भवन भी वहां पर बने हैं, इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर रसूखदार लोग यहां पर पत्थर खदान संचालित करना चाहते हैं। जिसका वह लगातार विरोध कर रहे हैं, शनिवार को उन्होंने इस मामले में विरोध करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों से मांग की है कि उनके आवासों के सामने पत्थर खदान शुरू करने के लिए आने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। आवास के सामने अगर पत्थर खदान संचालित होती है तो उनके बच्चों को जान माल का खतरा रहेगा। इनका क्या कहना है। इस बारे में सहरिया विकास संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाथ देवरिया का कहना है कि, यह जगह हमारे लिए आवास निर्माण के लिए पूर्व विधायक और तत्कालीन कलेक्टर ने स्वीकृत की थी, जिस पर हमारे लोगों ने आवास का निर्माण करवा लिया है पास में स्कूल और वन विभाग का कार्यालय है फिर भी यह लोग जबरन तरीके से यहां पर पत्थर खदान शुरू करना चाहते हैं आए दिन जेसीबी लेकर पहुंच जाते हैं। अगर यहां पत्थर खदान संचालित हुई तो हमारा तो जीना मुश्किल हो जाएगा। इस बारे में लखन आदिवासी का कहना है कि, कुछ लोग पत्थर खदान जबरन तरीके से चलाना चाहते हैं यह हमारा रिहाइशी क्षेत्र है और यहां पर आसपास स्कूल वगैरह भी है, यहां पर पत्थर खदान नहीं चलनी चाहिए।