राजेश पटैल
तेंदूखेडा- ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरे निर्माण कार्य लोगों की परेशानी का कारण बने हुए हैं, ग्राम पंचायत चुनावों के पूर्व कुछ सरपंचों द्वारा जाते जाते आनन फानन औपचारिकता निभाने के साथ केवल खजाना खाली ही किया था। इसमें सबसे बड़ी भूमिका सचिवों की भी रही है, निर्माण कार्य ना होने और शासन की योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन ना होने की स्थिति में सचिव सजा भी भुगत चुके हैं , लेकिन कुछ दिनों बाद पुनः वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत रम्पुरा के अन्तर्गत आने वाले ग्राम घुघरी का है, जहाँ विधायक संजय शर्मा के द्वारा पुलिया निर्माण के लिए तीन लाख रुपये अपनी निधि से दिये गये थे, राशि पंचायत के खाते से तो निकाल कर कागजों पर पूरी पुलिया निर्माण बता दी लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि वह पुलिया आज तक नहीं बनीं, यहाँ के लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है, विशेष तौर पर गन्ना और कृषि उपज लेकर निकलने वाले टेक्टर ट्रालियों को ज्यादा तर परेशानी हो रही है, चूंकि नये सरपंच के बनने के बाद उनके खातों में राशि ना होने की स्थिति में अब निर्माण कार्य कराने की समस्या बनीं हुई है। डेढ़ किमी सड़क ना बन पाने से होती है परेशानी इसी ग्राम पंचायत के अन्तर्गत ग्राम हथनी से घुघरी तक लगभग एक किलोमीटर सडक ना बन पाने के कारण यहाँ के लोगों को आवागमन में परेशानी हुआ करती है, इतना ही नहीं कृषि उपज लेकर जाने वाले वाहनों को रम्पुरा होकर जाना पडता है, चूंकि रम्पुरा भीतर से बाहन लाने ले जाने में परेशानी हुआ करती है, यदि हथनी से घुघरी तक सड़क और बन जाती है तो यहाँ के किसान सीधे धूप खेडा होकर मुख्य सडक मार्ग तक पहुँच सकते हैं, क्षेत्रीय किसानों ने तत्काल प्रभाव से इस सडक को बनवाने की मांग की है,अनेकों बार पलट चुकी हैं टेक्टर ट्रालियां इस सड़क मार्ग पर अनेको बार कृषि उपज लेकर जाने वाली ट्रालियां पलट चुकी यहां तक की बैल गाड़ी से लांक एवं कृषि उपज ले जाने मे भारी परेशानियां हुआ करती है। यहां तक की किसानों को रम्पुरा तरफ से घेर कर गन्ने से भरी ट्रालियां शुगर मिल तरफ ले जानी पड़ती है।