राजेश पटेल
तेंदूखेड़ा- अक्षय नवमी जिसे आंवलिया नवमी भी कहा जाता है। महिलाओं के द्वारा प्रातः काल स्नान कर आंवले के वृक्ष के नीचे पहुंच कर पूजन अर्चन किया एवं वृक्ष की पूजन कर कुसुम बांधकर परिक्रमा लगाई गई।वृक्ष की छांव में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। नगर के प्रतिष्ठित हरसिद्धि मंदिर परिसर नगरिया मंदिर श्री राम जानकी मंदिर परिसर सहित विभिन्न स्थानों पर जहां जहां आंवले के वृक्ष लगे हुए हैं। वहां पर महिलाओं ने पहुंच कर पूजन अर्चन किया। सुबह से ही बड़ी संख्या में भीड़भाड़ देखने को मिलीं हरसिद्धि मंदिर परिसर में तो श्रद्धालुओं ने वहीं पर भोजन प्रसाद बनाकर ग्रहण की। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया पुण्य पूजन का फल शुभकारी होता है इसका कभी भी क्षय नहीं होता, तथा रत्न,स्वर्ण, वस्त्र,फल का दान किया जाता है।जो फलदाई होता है। तथा पूर्व जन्मों के पापों का क्षय हुआ करता है।अक्षय वृक्ष के रुप में आंवले का पूजन का महत्व बताया है। इसलिए श्रद्धालु यहां पूजन अर्चन किया करते हैं।