सुदर्शन टुडे ब्यूरो लुकमान खत्री
खरगोन जिले के घेगांव में ग्रामीण सड़क को लेकर पिछले कई वर्षों से परेशान नजर आ रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने जनप्रतिनिधियों से लगाकर शासन प्रशासन के आला अधिकारीयो तक गुहार लगा ली लेकिन उनकी बात को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है ।आखिरकार ग्रामीणों का आक्रोश फूट ही पड़ा और मंगलवार को ग्रामीण अपना कामकाज छोड़कर जिला मुख्यालय खरगोन पहुंचे। खरगोन कलेक्ट्रेट पहुंचे घेगांव के ग्रामीणो ने रोड नही तो वोट नही को लेकर जमकर जमकर नारेबाजी करते हुए चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे डाली । आजादी के बाद से सडक की मांग कर रहे ग्रामीण अब शासन प्रशासन से मिली उपेक्षा के बाद मतदान का बहिष्कार कर आरपार की लडाई लड़ने के मूड में है। आगामी विधानसभा चुनाव भले ही विकास के मुद्दे पर लडा जा रहा है लेकिन आजादी के बाद से सडक सहित मूलभूत सुविधा के लिये तरस रहे लोग रोज कलेक्ट्रेट पहुंच रहे है। घेगांव से रोड नही तो वोट नहीं के पोस्टर बैनर लेकर नारेबाजी करते कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ग्राम घेगांव के ग्रामीणो का कहना है की 15 से 20 साल से लगातार सडक की मांग कर रहे है लेकिन सुनवाई नही हो रही है। गांव में आजादी के बाद से सड़क नही है। सडक की मांग जब तक पूरी नही होगी विधानसभा, लोकसभा सहित आने वाले हर चुनाव का बहिष्कार करेंगे। खरगोन में संयुक्त कलेक्टर हेमलता सोलंकी को कलेक्टर के नाम ग्रामीण ने ज्ञापन सौपकर सडक बनाने की मांग की है। सयुंक्त कलेक्टर हेमलता सोलंकी का कहना था की सम्बन्धित विभाग सहित शासन को ग्रामीणो के ज्ञापन से अवगत कराया जायेगा। सडक की मांग को लेकर ग्रामीणो ने एक दिन पहले घेगांव में प्रभावी रैली निकालकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था, और आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार की चेतावनी दी थी।