धर्मेंद्र साहू
तेंदूखेड़ा- दस दिनों तक चले प्रथम देव भगवान श्री गणेश जी का महापर्व गणेशोत्सव नगर एवं संपूर्ण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम बनीं रहीं। वहीं बाल टोलियों द्वारा अपने अपने स्तर से भक्ति भाव से भक्ति में लीन रहे। रात्रि के समय संगीतमय आरतियों में भाग लिया। नगर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर बड़ी गणेश प्रतिमाएं तथा 50 से ज्यादा स्थानों पर प्रतिमायें विराजमान की गई थी।पंचक लगने के कारण एक दिन पूर्व से ही हवन का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। गुरुवार से ही विसर्जन का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। नगर के फुट्टातालाब के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय जल स्रोतों में मूर्तियां विसर्जित की जायेंगी।ग्रामीण क्षेत्रो में भी गाजे बाजे के साथ विदा हुए गजानन डोभी धूमधाम से गणेशोत्सव मनाया गया, विगत दस दिनों से घर-घर एवं सार्वजनिक स्थलों पर आदि देव गणपति की स्थापना कर पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने तन मन धन से विघ्नहर्ता की आराधना कर सुख शांति समृद्धि की कामना करते हुए अनंत चतुर्दशी गुरुवार को धूमधाम से विसर्जन किया।गुरुवार को दिन भर गणेश विसर्जन का कार्यक्रम चला गणेश विसर्जन कार्यक्रम बडे धूमधाम से किया गया। सभी जगह की सार्वजनिक प्रतिमाओं को एक साथ शाम को बड़े ही धूमधाम निकाली गई। चल समारोह शाम चार बजे से निकाला गया जो देर रात तक ग्राम की पाड़ाझिर नदी पहुंची। बारी बारी से सभी प्रतिमाओं को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर।धूमधाम के साथ भगवान गणपति को गाजे बाजे के साथ विसर्जित किया गया।हरसिद्धि मंदिर में कन्या भोज भंडारा’ नगर के प्रतिष्ठित हरसिद्धि मंदिर परिसर में विराजित की गई गौरा जी की गोद में बैठकर झूलती हुई गणेश प्रतिमा जनाकर्षण का केंद्र बनीं रही वहीं दस दिनों तक संगीतमय आरती के साथ भजनों की जोरदार प्रस्तुति दी गई। वहीं गुरुवार को पूजन हवन के उपरांत नगर कन्या भोज भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में कन्याओं ने भाग लिया।फुट्टा तालाब में ही विसर्जित होंगी प्रतिमाएं’ नगर के विभिन्न वार्डों में एवं घरों में विराजित की गई विघ्नहर्ता प्रथम देव भगवान श्री गणेश की प्रतिमायें नगर के फुट्टा तालाब में ही विसर्जित की जायेंगी। अन्यत्र बाहर की नदियों में मदनपुर के समीप नदी में मगर होने के कारण वहां पर विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। तथा आस पास की नदियों बरांझ या पांडाझिर में भी मूर्तियां विसर्जन के लिए नहीं जायेंगी। यदि कोई भी टोली विसर्जन के लिए जाता है तो स्वयं जिम्मेदार होगा। बड़ी प्रतिमाओं को विसर्जन कुंडों में जाने हेतु पहले स्थानीय व्यवस्थापकों को सूचित करना होगा। स्थानीय प्रशासन ने पालकों से अपील की है कि अपने छोटे छोटे बच्चों तथा प्रतिमा विसर्जन में जाने वाले बच्चों पर पूरी निगरानी रखें उन्हें अकेला नदी और तालाबों में ना जाने दें। सामूहिक रूप से ही विसर्जित स्थल पर प्रतिमायें विसर्जित करें।