Sudarshan Today
मध्य प्रदेश

अमरकंटक में बोर्ड लगाकर कहा था- मर्यादित कपड़ों में आएं, अब पलटा फैसला

सुदर्शन टुडे अजय जैन करंजिया

नर्मदा मंदिर ने 24 घंटे में लिया फैसला वापसज़

करंजिया:- डिण्डौरी जिले के ब्लाक करंजिया से सटे अमरकंटक के मां नर्मदा मंदिर प्रशासन ने अपना फैसला 24 घंटे में वापस ले लिया है। मंदिर प्रशासन ने महिलाओं और पुरुषों को मर्यादित कपड़े पहनकर आने का बोर्ड लगाया गया था।अब इस बोर्ड को हटा लिया गया है। बताया जा रहा है कि लोगों के विरोध और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मंदिर ट्रस्ट ने अपना फैसला वापस लिया है।पहले ट्रस्ट और पुजारियों की ओर से कहा गया था कि सभी महिलाएं और पुरुष मंदिर परिसर में मर्यादित कपड़े में ही आएं। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमुडा, नाइट सूट, मिनी स्कर्ट, क्रॉप टॉप, कटी-फटी जींस (रिप्ड जींस) जैसे कपड़े पहनकर नहीं आएं। बोर्ड पर लिखा गया था महिलाएं विशेष रूप से आदर्श कपड़े का ही उपयोग करें, जैसे- साड़ी या सलवार सूट। बोर्ड पर लिखा है- आदेशानुसार नर्मदा मंदिर उद्गम ट्रस्ट एवं समस्त पुजारीगण।नर्मदा मंदिर में ये साइन बोर्ड शुक्रवार 25 अगस्त को लगाया गया था। इसमें तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए जानकारी दी गई थी। यहां के पुजारी ने कहा था कि दक्षिण भारतीय मंदिरों की तरह नर्मदा मंदिर अमरकंटक में भी अभद्र और छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश करना प्रतिबंधित किया गया है। नर्मदा मंदिर में अब पारंपरिक परिधान में ही आना होगा, तभी दर्शन और पूजन का लाभ मिल सकेगा।नर्मदा मंदिर अमरकंटक में भी अभद्र और छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश करना प्रतिबंधित किया गया था। अब इससे संबंधित बोर्ड हटा लिया गया है।अमरकंटक मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में है। ये नर्मदा, सोन और जोहिला नदी का उद्गम स्थल है। अमरकंटक में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। प्रमुख 7 नदियों में से नर्मदा नदी और सोन नदियों का उद्गम स्थल अमरकंटक है। यह प्राचीन समय से ही ऋषियों की तपो भूमि रही है। नर्मदा का उद्गम यहां के एक कुंड से और सोनभद्रा के पर्वत शिखर से हुआ है। यह मेकल पर्वत से निकलती है, इसलिए इसे मेकलसुता भी कहा जाता है।नर्मदा नदी यहां पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। इस नदी को मध्यप्रदेश की जीवनदायनी नदी भी कहा जाता है। यह जलोढ़ मिट्टी के उपजाऊ मैदानों से होकर बहती है, जिसे नर्मदा घाटी के नाम से भी जाना जाता है। यह घाटी लगभग 320 किमी में फैली हुई है।कहा जाता है कि पहले उद्गम कुंड चारों ओर बांस से घिरा हुआ था। बाद में यहां 1939 में रीवा के महाराज गुलाब सिंह ने पक्के कुंड का निर्माण करवाया। परिसर के अंदर मां नर्मदा की एक छोटी सी धारा कुंड है, जो दूसरे कुंड में जाती है, लेकिन दिखाई नहीं देती। कुंड के चारों ओर लगभग 24 मंदिर हैं। जिनमें नर्मदा मंदिर, शिव मंदिर, कार्तिकेय मंदिर, श्री राम जानकी मंदिर, अन्नपूर्णां मंदिर, दुर्गा मंदिर, श्री सूर्यनारायण मंदिर, श्री राधा कृष्णा मंदिर, शिव परिवार, ग्यारह रुद्र मंदिर प्रमुख हैं।

Related posts

बारडोली उत्सव समिति की बैठक संपन्न

Ravi Sahu

दतिया एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने जिले के पुलिस थानों में किया फेरबदल

Ravi Sahu

*खरगोन,पीएम आवास का राज्य स्तरीय कार्यक्रम 28 सितम्बर को होगा शुभारंभ*

Ravi Sahu

जिला महामंत्री बने राहुल गुप्ता 

Ravi Sahu

ऑप्रेशन प्रहार के तहत अवैध शराब गांजा विक्रय करने वालों पर बड़ी कार्रवाई

Ravi Sahu

पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- हिंदू राष्ट्र चाहिए:गीत के माध्यम से बोले- संविधान को बदलो… हमको हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाना है

Ravi Sahu

Leave a Comment