सुदर्शन टुडे भोपाल
लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने पिछले पांच साल में नौ अफसरों को 50 हजार रुपए से अधिक की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, लेकिन एक मामले में ही पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर सकी है। छह मामलों की विवेचना वाॅइस सैंपल रिपोर्ट पेंडिंग होने से अभी चल रही है। एक प्रकरण अभियोजन मंजूरी के लिए शासन में लंबित हैं।रिश्वत लेने के मामले में लोकायुक्त पुलिस के हाथों चपरासी से लेकर अधिकारी तक रंगेहाथ गिरफ्तार हुए है। यह लोग हजार से लेकर लाखों रुपए की रिश्वत लेते हैं। जांच और अभियोजन मंजूरी लंबे समय तक पेंडिंग होने से कोर्ट में भी चालान देरी से पेश होते हैं। यही कारण है कि भ्रष्टाचार के मामलों का कोर्ट से निराकरण होने में भी लंबा समय लगता है।