देवराज चौहान सुदर्शन टुडे
परियोजना प्रशासक विकास राजोरिया ने पूरी प्रणाली से कराया अवगत।
राजगढ़। देश की पहली प्रेशराइज्ड सिंचाई प्रणाली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। इसी को देखने देशभर के तकनीकी अधिकारी आए दिन जिले के दौरे पर आते है। सोमवार को एशियन डेवलपमेंट बैंक का चार सदस्यीय दल जिले के दौरे पर आया है।यह अमला जिले के दो दिवसीय दौरे पर आया है, पहले दिन इस तकनीकी अमले में मोहनपुरा डैम व उस पर बने पंप हाउस को देखने के साथ ही डैम से खेत तक पानी पहुंचाने की योजना को देखा। इससे पहले अमले ने प्रोजेक्टर से सारी तकनीकी को समझा उसके बाद बारी-बारी से एक-एक ऑटोमेशन तकनीकी को समझकर अपने सवालों का जवाब भी जाना। इस मौके पर परियोजना प्रशासक विकास राजोरिया, प्रबंधक शुभंकर विश्वास, गरिमा अग्रवाल, सहायक प्रबंधक संदीप दुबे, विपिन तिवारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।डायरेक्टर सहित एशियन डेवलपमेंट बैंक से यह आए अधिकारी सोमवार को मोहनपुरा कुंडालिया परियोजना का दौरा एडीबी के एक्जुकेटिव डायरेक्टर समीर कुमार खरे, प्रोजेक्ट एडमिंस्ट्रेट यूनिट हेड बी चांसवत, प्रोजेक्ट ऑफिसर राजेश यादव, के मृगराज ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट की बारीकी को समझा। प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने, प्रोजेक्ट की वर्किंग और उस पर आने वाली समस्याओं के साथ ही इसकी वर्किंग को बेहतर तरीके से केसे किया इसको समझा।इस तरह से रही दिनभर की गतिविधियां एडीबी के दल ने सबसे पहले मोहनपुरा के लगदरिया पंप हाउस का दौरा किया। जहां मौके की स्थिति को देख, वहां के सभी तकनीकी पहलू को समझा। इसके बाद पीपीटी के माध्यम से प्रोजेक्ट की विशेषता और इससे मिलने वाले लाभ के आंकड़े जाने। इसके बाद पंप हाउस का निरीक्षण कर वहा के ऑटोमेशन, पंप की वर्किंग, पंप के स्टार्टिंग व शटडाउन सिस्टम को भी जाना।जिले के साथ आगर जिले के काम को भी समझा एडीबी का यह दल दोपहर बाद कुंडालीया डेम पहुंचा, जहां दल ने डेम साइड देखने के बाद एलबीसी प्रेशराइज्ड सिस्टम को जाना। जहां पीपीटी के माध्यम से डेम से खेत तक पहुंचने वाले पानी के सिस्टम को समझने के साथ मोटर पंप, ऊर्जा खपत, टंकी और वहा से ग्रेविटी के माध्यम से खेतो तक जाने वाले पानी के दौरान ओएमएस, आरएमएस और स्काडा पद्धति से ओटोमेटिक नियंत्रण के तरीके को जाना। इससे पहले एडीबी व पीएमयू के अधिकारियों ने पंप हाउस परिसर में पौधारोपण भी किया। इस दौरान पानी लिफ्ट करने के पहले मेकेनिकल क्लीनिंग सिस्टम को भी देखा।सफल सिस्टम को पीपीटी से समझा, खेतो में कैसे जाता हैं पानी दल ने लगदरिया व कोटरी के पंप हाउस को देख वहां पीपीटी के माध्यम से हर एक प्रोजेक्ट को समझा, टीम के सदस्यों को परियोजना प्रशासक विकास राजोरिया ने विस्तार से प्रोजेक्ट के बारे में डेम से खेत तक पानी पहुंचाने की तकनीकी के बारे में बताया। वही प्रबंधक शुभंकर विश्वास ने तकनीकी टिप्स भी बताएं, स्टोरेज टंकी से लेकर खेतों तक एक एक हेक्टेयर के चक पर केसे पानी पहुंचता इसको विस्तार से समझाया।प्रशासक बोले जमीनी स्तर पर आई थोड़ी दिक्कत, लेकिन 80 फ़ीसदी से अधिक काम पूरा देश की पहली प्रेशराइज सिंचाई प्रणाली को देखने आए दल ने कई तरह के तकनीकी सवाल किए, ताकि वह अन्य राज्यो में भी इस तरह के प्रोजेक्ट को बड़ावा दे सके। जिनका पीएमयू के अभियंता द्वारा सरलता से जवाब देकर हर समस्या का निराकरण कैसे होगा इसका जवाब भी दिया। इस दौरान परियोजना प्रशासक विकास राजोरिया ने कहा कि पीएमयू के तहत आने वाले मोहनपुरा कुंडालिया डैम के सभी पंप हाउस का काम पूरा हो गया है। वहीं से खेत तक पानी पहुंचाने काम भी 80 फीसदी से अधिक कर लिया गया है, अब आगामी सीजन में हर खेत में लाइन डालकर अगले साल तक सभी खेतों में पानी पहुंचाया जाएगा।