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भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जारी:टाइगर मूवमेंट-वन क्षेत्र में निर्माण पर रोक रहेगी; सतगढ़ी में स्पोर्ट्स सिटी बनाने का प्रस्ताव

भोपाल संवाददाता

 

भोपाल के मास्टर प्लान-2031 का ड्राफ्ट शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने जारी कर दिया है। इसमें वर्ष 2021 में आई आपत्तियों और सुझावों को भी शामिल किया गया है। कलियासोत-केरवा डैम के आसपास के क्षेत्र, जहां टाइगर मूवमेंट और घना वन क्षेत्र है, उस इलाके में निर्माण पर रोक लगी रहेगी। यानी कि इसे ग्रीन बेल्ट के दायरे में रखा गया है। वहीं, 400 हेक्टेयर जमीन भी वन विभाग को दी गई है, ताकि भविष्य में सरकारी भवन भी यहां न बन सके। सतगढ़ी में स्पोर्ट्स सिटी बनाने का प्रस्ताव है। कुछ इलाकों में सड़कों के चौड़ीकरण आदि को लेकर बीच का रास्ता निकाला गया है, ताकि फिर से उसे लेकर आपत्ति न आए।

 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल के मास्टर प्लान को लेकर संकेत दिए थे। शुक्रवार को दिनभर चली सुगबुगाहट के बाद ड्राफ्ट जारी कर दिया गया। दावे-आपत्तियों के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। करीब 12 महत्वपूर्ण संशोधन के साथ प्लान तैयार किया गया है। इसमें बड़ा तालाब के संरक्षण, केरवा डेम के जलभराव क्षेत्र समेत शहर की सड़कों की चौड़ाई पर विशेष फोकस किया गया है।

 

मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में कई सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर भी प्रस्ताव है।

मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में कई सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर भी प्रस्ताव है।

मास्टर प्लान के लिए 18 साल इंतजार

 

भोपाल का आखिरी मास्टर प्लान 1995 में जारी किया गया था, जो 2005 में समाप्त हो गया था। इसके बाद से मास्टर प्लान का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि, बीच में तीन बार मास्टर प्लान को लेकर कवायदें होती रहीं। 2021 में तो इसे लेकर दावे-आपत्ति भी बुलाए गए थे। हालांकि, इसमें कई बड़े संशोधन किए जाने थे। बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया, टाइगर मूवमेंट एरिया, सड़कों आदि को लेकर यह संशोधन थे। इसके चलते यह ड्राफ्ट जारी नहीं हो सका था।

 

पिछली बार ग्रुप में आई थी आपत्तियां

 

पिछली बार 2021 में ड्राफ्ट जारी होने के बाद दावे-आपत्तियां मंगाए गए थे। इसमें ग्रुप यानी समूह में सैकड़ों आपत्तियां आई थीं। अकेले अवधपुरी इलाके की एक सड़क को लेकर ही 250 से ज्यादा आपत्तियां आई थीं। भोपाल के पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी पर्यावरणविदों की आपत्तियां थीं। इन आपत्तियों को दूर करने पर खासा फोकस रहा। अधिकतर आपत्तियों और सुझावों पर काम करने के बाद ही भोपाल मास्टर प्लान का यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है।

 

तीन महीने में लागू हो सकता है प्लान

 

टीएंडसीपी के अधिकारियों और एक्सपर्ट की मानें, तो एक महीने तक दावे-आपत्तियां ली जाएंगी। उनका निराकरण किया जाएगा। इसके बाद अन्य प्रोसेस होंगी। यदि सबकुछ ठीक रहा, तो अगले तीन महीने में मास्टर प्लान लागू हो सकता है।

 

नए मास्टर प्लान के ड्राफ्ट की प्रमुख बातें…

 

टाइगर मूवमेंट और वन क्षेत्र इलाकों पर फोकस

 

ग्राम मेंडोरा, मेंडोरी, चिचली, खुशालपुरा, महुआखेड़ा, बरखेड़ी, बाज्याफत, रातीबड़, बरखेड़ीखुर्द, भानपुर, केकड़िया, चंदनपुरा, छावनी, खुदागंज, बरखेड़ा नाथू, गौरा में मार्ग को लेकर प्रस्ताव है। इसमें कुछ संशोधन है, क्योंकि कलियासोत-केरवा डैम के पास ग्राम रातापानी से ग्राम मेंडोरा-चंदनपुरा तक वन क्षेत्र फैला है। इस क्षेत्र में बाघों की उपस्थिति होने के कारण यह संवेदनशील क्षेत्र है।

बाघों के संरक्षण, वन, ग्रीन बेल्ट आदि को ध्यान में रखते हुए यहां पर निर्माण पर रोक लगाई गई है। यहां की करीब 400 हेक्टेयर जमीन फाॅरेस्ट डिपॉर्टमेंट को दे दी गई है। इससे यहां सरकारी बिल्डिंग भी नहीं बन सकेगी। प्राइवेट निर्माण पर भी रोक रहेगी।

टाइगर मूवमेंट वाले क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगी रहेगी।

टाइगर मूवमेंट वाले क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगी रहेगी।

मेट्रो के दोनों ओर 500-500 मीटर के क्षेत्र में ज्यादा निर्माण का प्रस्ताव था। अब सिर्फ 100 मीटर क्षेत्र रखा गया है, जहां पर ज्यादा निर्माण हो सकेगा। हालांकि, इसके लिए कुछ सरकारी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा।

ग्राम खजूरीकलां में अवधपुरी से रायसेन रोड तक 60 मीटर रोड प्रस्तावित थी। इसे लेकर कई आपत्तियां आई थीं। सरकार ने बीच का रास्ता निकाला और अब रोड की चौड़ाई 30 मीटर रखने का प्रस्ताव रखा गया है।

सूखी सेवनियां रेलवे स्टेशन के दोनों ओर 24.0 मीटर चौड़ी सड़क प्रस्तावित की गई है।

मिसरोद रेलवे स्टेशन से नर्मदापुरम की ओर जाने वाली रेलवे लाइन और प्रस्तावित मार्ग के बीच की जमीन को निवेश क्षेत्र सीमा तक परिवहन उपयोग जोन के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया था। 30 मीटर तक कोई भी निर्माण रेलवे विभाग की अनापत्ति के बिना नहीं किया जा सकता था। इस जमीन को लेकर प्राप्त आपत्तियों के संबंध में परिवहन उपयोग जोन के स्थान पर आरजी-2, आरजी-4 और सामान्य कृषि क्षेत्र उपयोग किए जाने के अंतर्गत प्रस्तावित है।

नगर के पूर्वी ओर बायपास मार्ग के समानांतर 60 मीटर चौड़ा मार्ग नक्शे के अनुसार प्रस्तावित है। इससे चौड़ाई 30 मीटर हो जाएगी।

ग्राम लाऊखेड़ी में जी-5 उपयोग जोन का प्रस्ताव था। इस पर आपत्ति-सुझावों के संबंध में बड़ा तालाब की ओर मिलने वाले नाले और अन्य पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्र को नगर वन उपयोग जोन में दर्शाया गया है। शेष भूमि पर समीपवर्ती उपयोग प्रस्तावित किए गए हैं।

ग्राम बावड़िया कलां और बंजारी के लिए 24 मीटर चौड़े मार्ग का प्रस्ताव।

कोलार रोड से कान्हाकुंज क्षेत्र में 18 मीटर चौड़े नए रोड का प्रस्ताव।

ग्राम अमरावद खुर्द में नक्शे के हिसाब से 24 मीटर चौड़े मार्ग का प्रस्ताव।

ग्राम सनखेड़ी, सलैया, हिनोतिया, भैरोपुर, सतगढ़ी, अरहेड़ी, हताईखेड़ा, खजूरीकलां, अहमदपुर कलां, बाग सेवनियां, नरेला शंकरी, मिसरोद, कोलुआ खुर्द, बिलखिरिया आदि जगहों पर सड़कों के चौड़ीकरण के प्रस्ताव।

ग्राम जमुनिया झीर से भौंरी, बरखेड़ा बोंदर, बदरखा सड़क, चंदूखेड़ी, कुराना, प्रेमपुरा, चांदपुर, परवलिया सानी से जगदीशपुर (इस्लाम नगर) होकर 30 मीटर चौड़ी सड़क प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा बायपास भी प्रस्तावित है।

बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया को संरक्षित करने के चलते सड़क या अन्य निर्माण नहीं होगा।

ग्राम नीलबड़, बरखेड़ा नाथू, मुगालिया छाप, लखपुरा, ईंटखेड़ी, खजूरी सड़क होते हुए भोपाल-इंदौर मार्ग तक 45 मीटर के स्थान पर 18 मीटर मार्ग प्रस्तावित किया गया है।

ग्राम टीलाखेड़ी, जाटखेड़ी, कोड़िया, मुगालिया छाप तक 24 मीटर के स्थान पर 7.60 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी।

अरेरा काॅलोनी, चूना भट्टी, विजयनगर के लिए भी विशेष मापदंड रखे गए हैं।

प्लान में मेट्रो टीओडी व्यावसायिक कॉरिडोर बनाने पर फोकस है।

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