संवाददाता। सुदर्शन टुडे सिलवानी
पेयजल व्यवस्था पर करोड़ों खर्च के बाद भी पानी के लिए ग्रामीण परेशानी
सिलवानी- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नलजल मिशन के द्वारा घरो में नलों से पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई। जनपद पंचायत सिलवानी के दर्जनों ग्रामों में पीएचई द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से नलजल योजनाओं के हो रहे कार्यों में ठेकेदार की मनमानी कार्यप्रणाली, योजनाओं के कार्य में कागजो में कमीशन के खुले खेल में भुगतान होते रहने से अधिकांश नलजल योजनाए आधी अधूरी रहने से ग्रामीण भीषण गर्मी पेयजल के लिए परेशान बने हुए है।
स्कूलों , आंगनबाडियों में पानी व्यवस्था अधूरी ब्लॉक की सेकडो प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में वर्षो पूर्व पानी की व्यवस्था के लिए राशि पानी की तरह खर्च की गई परंतु कही टंकी कही मोटर खराब होने, पानी के निम्न स्तरीय बने स्टेण्ड टूटने की स्थिति रही । जल जीवन मिशन के अंतर्गत समस्या ग्रस्त आंगनबाड़ियों, स्कूलों में पानी की व्यवस्था के लिए पुनः लाखो, करोडो की राशि खर्च की जा रही है। हेण्डपंप, डाले गए पंप सेट चालू न होने से स्थिति जस की तस नजर आ रही है।करोड़ों रुपए की राशि खर्च चिढ़ा रही टंकिया*जल जीवन मिशन के अन्तर्गत दर्जनों ग्रामों, ग्रापं में नलजल योजनाएं स्वीकृत की गई। करोड़ों की राशि इन नल जल योजनाओं पर खर्च किए जाने के बाद भी ग्रामीणों को ग्रामीणों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कहीं टंकी बन गई कहीं सड़क खोदकर पाइप लाइन में डाल दी गई लेकिन नल में जल नहीं आया। विकास यात्रा के दौरान अधिकारियों एवं भाजपा के नेताओं के समक्ष नल जल योजना की हकीकत सामने आई। पीएचई विभाग एवं ठेकेदार की मनमानी कमीशन के खेल में बिलों की राशि स्वीकृत और करोड़ों का भुगतान तो हो रहा है। परंतु इनकी जमीनी हकीकत देखने समझने भोपाल रायसेन में बैठे अधिकारीयों के पास समय नहीं है। जनपद पंचायत सिलवानी से महज़ लगभग 7 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत का काकरूआ खमेरा में ग्रामीण वासी इस तिल तिल आती धूप में लगभग एक किलोमीटर दूर कुएं के पानी से लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इनके अलावा भी जनपद पंचायत सिलवानी में और भी अन्य गांव है करोड़ों की राशि खर्च हो जाने के बाद भी ग्रामीणों को घरों में नल की टोटी से पानी नसीब नहीं होने से नल जल योजनाएं चिढ़ाती और भीषण गर्मी में परिवार के लिए पानी की भारी समस्या से जूझना मजबूरी बना हुआ है।
ग्रामीण गुड्डी बाई का कहना हम ग्रामवासी लगभग एक किलोमीटर दूर कुएं से अपने सर पर पानी ढोकर लाते हैं। गुड्डी बाई बताया कि हमारे गांव में लगभग एक साल से ऊपर हो गया इस पानी की टंकी को बने लेकिन अभी तक चालू नहीं हो पाई है।