Sudarshan Today
मध्य प्रदेशसिलवानी

महिलाओं का लैंगिक शोषण रोकने के लिए बना है कानून

सुदर्शन टुडे न्यूज़ ब्यूरो चीफ खरगोन

 

जनसाहस की कार्यशालामें न्यायाधीश मिश्रा ने बताई महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन अधिनियम का महत्व

खरगोन। सामाजिक संस्था जनसाहस, तहसील विधिक सेवा समिति पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को स्वामी विवेकानंद सभाकक्ष में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीडन, मानव दुव्र्यवहार एवं मानसिक स्वास्थ्य में प्रावधान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जिला न्यायाधीश जीसी मिश्रा ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 बनाया गया है। ये अधिनियम कार्यशील महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीडऩ के खतरे का मुकाबला करने के लिये युक्ति है। यह कानून यौन उत्पीडऩ के विभिन्न प्रकारों को चिह्नित करता है, और यह बताता है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की स्थिति में शिकायत किस प्रकार की जा सकती है। जो कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ के विरूद्व तथा उससे संबंधित अथवा प्रासंगिक मद्दों हेतु संरक्षण उपलब्ध करवाता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश महिलाएं अब कार्यस्थल पर अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है। जनसाहस के जिला समन्वयक इरफान खान ने बताया कि कार्यशाला में पुलिस महिला थाना प्रभारी वर्षा सोलंकी खरगोन थाना प्रभारी बनवारीलाल मंडलोई दीक्षित सर, महिला बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, वन स्टॉप सेंटर जेजेबी श्रम विभाग शिक्षा विभाग आदिम जाति कल्याण विभाग विशेष किशोर पुलिस इकाई महिला परामर्श केंद्र के पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए। कार्यशाला का उद्देश्य जनसाहस की प्रोग्राम समन्यवक रीना जी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए कानूनो के प्रति जागरुकता एवं उनका सही इस्तेमाल करने के लिए जागरुकता फैलाना है

जनसाहस के शादाब आलम जी के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओ का लैंगिक उत्पीडऩ निवारण अधिनियम पर विस्तृत जानकारी दी और कामकाजी महिलाओं को शासकीय एवं निजी कार्यालयो में मिलने वाली सुविधाओं व अधिकारों के बारे में बताया। उन्होने बताया कि महिलाओं को कानूनी मदद देने के लिए आंतरिक शिकायत समिति का गठन भी किया गया है। कार्यशाला मे समिति के सदस्यों ने कुछ सवाल भी पूछे जिनका जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओ को शांत किया गया।

समिति के समक्ष आये प्रकरण पर की गईं कार्यवाही में अपना अनुभव बताया। उसी के साथ मानव दुर्व्यवहार पर भी प्रशिक्षण दिया गयाजनसाहस के प्रोफेशनल काउंसलर अर्पित जी द्वारा मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मिथ्य और तथ्य ,मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है , हिंसा का मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा असर होता है स्वयं के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल हम कैसे रख सकते हैं एवं काउंसलिंग का परिचय दिया एवं मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 के प्रावधानों के बारे में बताया गया कार्यक्रम में जन साहस के राहुल जी कविता सोनोने यामिनी पांडे मोनू निंबालकर यासमीन खान रीना चौहान मुकर्रम खान नंदराम चौहान फारुख खान कल्पना पवार रोशनी बकोरे आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन जनसाहस के स्टेट कोर्डिनेटर राजेन्द्र जी द्वारा किया गया

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