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कवियों ने मनाया वसंत उत्सव

अखिल कुमार शर्मा
राजस्थान स्टेट हेड/मदन मोहन गर्ग

गंगापुर सिटी।अखिल भारतीय साहित्य परिषद, गंगापुर सिटी ने जलोखरा स्थित एक कृषि फार्म पर वसंत उत्सव मनाया गया। वसंत उत्सव के अंतर्गत कवियों ने कविताएँ सुनाई।कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि गोपीनाथ चर्चित ने की मुख्य अतिथि पं. हजारी लाल शास्त्री व विशिष्ट अतिथि हनुमान मुक्त रहे।सरस्वती वंदना के पश्चात कवि व्यग्र पाण्डे ने अपने सुमधुर अंदाज में वसंत पर एक प्रतिनिधि गीत पढ़ा- ” किसने किया श्रृंगार प्रकृति का, अरे कोई तो समझाओ ” गीत को करतल ध्वनियां खूब मिली।
वनवारी श्याम गोतम की रचना “वन उपवन सब महक रहे हैं ” ने गोष्ठी को ऊंचाइयाँ प्रदान की।
महादेव गर्ग प्रेमी ने अपनी रचना के माध्यम से वसंत के आने को एक उत्सव बताते हुए कहा- ” ऋतु वसंत का आना होगा…”।हनुमान मुक्त ने अपना एक गद्य व्यंग्य “कुत्ते की मौत ” पढ़कर राजनीति पर कटाक्ष करते हुए गोष्ठी में अलग ही रंग भरा।
ए एफ नजर ने अपनी गज़ल के माध्यम से समरसता का संदेश कुछ इस प्रकार से दिया- “बड़े अदब से हर एक फूल को सलाम करो” , जिसे सभी ने खूब सराहा । वरिष्ठ कवि गोपीनाथ चर्चित ने अपनी चिर परिचित शैली में एक हास्य व्यंग्य गीत इस प्रकार पढ़ा- मौसम मस्ताना है…। मनसुख विद्रोही ने वसंत पर एक अतुकांत रचना पढ़ते हुए वसंत पर अपने भाव इस प्रकार रखे- अंको के आभास में रिश्तों का मधुमास…जिसे सभी ने खूब सराहा । पं.हजारी लाल शास्त्री ने संस्कृत भाषा में अपनी स्व-रचित सरस्वती वंदना पढ़ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । कृपाशंकर उपाध्याय ने ‘मैं कवि तो नहीं…, और विकास शर्मा ने ‘दो घड़ी तुम्हारा साथ मिले… रचनाएँ सुनाकर गोष्ठी को गतिशीलता दी।रामगोपाल शर्मा, बजरंलाल गुप्ता, पुष्पा गुप्ता आदि ने भी कविताएं सुनाई । विकास शर्मा ने गोष्ठी का सफल संचालन किया ।

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