सुदर्शन टुडे समाचार जिला ब्यूरो चीफ रामेशवर लक्षणे बैतूल
बैतूल।नेशनल हाईवे निर्माण के समय विस्थापित और भूमिहीन 50 से ज्यादा परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है उन्हें मकानों के लिए पट्टे तो दिए गए लेकिन आज तक कोई सुविधा नहीं मिल सकी जिसके चलते कई परिवार परेशानियां उठाकर गुजर बसर कर रहे हैं दर्जनों परिवारों को किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है यह दास्तान बैतूल से 24 किलोमीटर दूर नीम पानी की है जहां आबादी के की जमीन पर बसाए गए परिवार दिक्कतों का सामना कर रहे हैं आज उन्होंने बैतूल कलेक्ट्रेट पहुंचकर परेशानियों से निजात दिलाने की गुहार लगाई है
रहवासियों के मुताबिक ग्राम पंचायत नींबू पानी में भूमिहीनों और विस्थापित परिवारों को पिछले 4 सालों से भूमि आवंटित कर भूमि का पट्टा दिया गया जिसके बाद रहवासियों ने कॉलोनी बनाकर मकान निर्माण किए और वह रहना भी शुरू कर दिया लेकिन कॉलोनी में ना बिजली है और ना ही पानी रोड नाली की अवस्थाएं है।
बुजुर्गों बच्चों को परेशानी महिलाएं परेशान
ग्रामीणों के मुताबिक सुविधा विहीन कॉलोनी में ना तो पानी निकासी की व्यवस्था है ना सड़क की बारिश का पानी गड्ढों में भर जाने से रास्ते कीचड़ बन जाती है जिससे स्कूली बच्चों खास तौर पर बुजुर्गों को आने जाने में दिक्कत होती है नौकरी पेशा पुरुषों के धरने बाहर रहने के दौरान महिलाएं अकेली रहती है रात में बिजली व्यवस्था ना होने से अंधेरे में गुजर-बसर करना पड़ता है ऐसे में असामाजिक तत्वों का डर तो बना रहता है कीड़े मकोड़ों के भय से महिलाएं परेशान हैं
शासकीय भवन का अभाव
कॉलोनी वासियों ने बताया कि नेशनल हाईवे निर्माण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंचायत भवन शासकीय प्राथमिक स्कूल पशु चिकित्सालय आंगनवाड़ी केंद्र भवन आदि सभी तोड़ दिए थे सरकारी भवनों को तोड़ने के समय कहा गया था कि तोड़े गए थे सभी कार्यालय बनाकर ग्राम के लोगों को सुविधाएं दी जाएगी परंतु वर्तमान पर तक कॉलोनी में किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई है