जिला ब्यूरो राहुल गुप्ता दमोह
दमोह| नित दिन शीतलहर का बढ़ना जारी है। ऐसे में शीतलहर दौरान अपने आप को कैसे बचाएं इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने एडवाईजरी जारी करते हुए बताया कि बुजुर्गों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखें। कपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह शरीर से गर्मी के हृास का पहला संकेत है। शरीर के अंगों का सुस्त पड़ना, हाथ पैरों की उगलियों, कान, नाक आदि पर सफेद या पीले रंग के दाग उभर आना, अथवा याददास्त का कम पड़ना, असीमित ठिठुरन, सुस्ती, थकान, हकलाना शीतदंश को दर्शाते है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
उन्होंने कहा शरीर में गर्माहट बनाये रखने के लिए ऐहतियातन प्रभावित व्यक्ति को कंबल, कपड़ों, चादर की परतों द्वारा गर्म करें। उसे गर्म पेय पदार्थ दे। शीतलहर के दौरान जितना हो सके घर के अंदर सुरक्षित रहे। यात्रा कम से कम करें। शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पोषक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करते रहे।
डॉ. त्रिवेदी ने शीतलहर से सुरक्षित रहने के उपाय के संबंध में बताया कि शरीर पर कई स्तरों वाले उनी, गर्म एवं ढीले कपडों को पहने। शरीर को सूखा रखे। शरीर की गर्माहट बनाये रखने के लिए अपने सिर, गर्दन, हाथ पैर की उॅगलियों को अच्छी तरह से ढके। फेफडों को बचाने के लिए मॅुह एवं नाक ढक कर रखे। क्षमता से ज्यादा कार्य न करें। इससे हृदयघात का खतरा हो सकता है। अत्याधिक कसावट वाले कपडों को पहनने से बचे। तंग कपड़े खून के प्रवाह को रोकते है। ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते है। विशेषकर बुर्जुग लोगों का हालचाल पूछंते रहे।