हनुमान जी जैसा चरित्र किसी का नही हो सकता और ना ही एैसा साधक हो सकता है।
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जी।
संवाददाता। सुदर्शन टुडे सिलवानी
में बड़ी संख्या में श्रद्वालु शामिल हुए। कलश यात्रा मे सबसे आगें महिलाए व बालिकाएं सिर पर कलश रखे हुए शामिल हुई।
प्रत्येक घर में तुलसीदल व श्रीरामायण होना जरूरी है।-
जगत गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशचार्य जी।
श्रीराम कथा के प्रथम दिन जगतगुरु स्वामी जगत गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशचार्य जी
ने कथा में पहुचें श्रद्वालुओं को अपनी मंगलमयी वाणी का रसास्वादन कराते हुए बताया उन्होन बताया कि प्रत्येक
सनातन परिवार में तुलसी दल व रमायण ग्रंथ होना चाहिए। लेकिन यदि किसी घर में यह दोनो ही नही है तो वह घर सनातन का नही हो सकता है। प्रत्येक घर
में तुलसीदल व रामायण होना आवष्यक। जगत गुरु रामानंदाचार्य जी ने बताया कि आत्म शक्ति के समर्पण से ही आयोजन सफल होता है। यदि कार्य में आत्म शक्ति का अभाव हो जाता है तो सफलता संभव
नही हो पाती है। किसी भी कार्य को करने के लिए आत्म शक्ति होना आवष्यक है। रित्र का निर्माण कैसे हो यह रामायण से सीख लेनी चाहिए । हनुमान जी
जैसा चरित्र किसी का नही हो सकता और ना ही एैसा साधक हो सकता है। जिस व्यक्ति के
मन में संतो की सेवा करने की ललक होती है वह ही संतो की सेवा कर पाता है एैसे लोगो पर संतो का हमेशा ही आशीर्वाद होता है। संतो की, गाय की, ब़ड़ो
की सेवा करने का जीवन में संकल्प ले तभी जीवन का कल्याण हो सकता है।उन्होने सीख दी कि जब भी महापुरुषो का, अपनो से बड़ो का, माता पिता का चरण स्पर्श करने का अवसर मिले तो उस अवसर को जाया नही करना चाहिए। एैसे
अवसर का लाभ उठाना चाहिए । यह अवसर सौभाग्य से ही मिलता है। कार्यक्रम को वेदाचार्य पंडित रामक्रपालु शर्मा ने भी कथा का श्रवण कराया।। कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में
श्रद्वालु पहुचें।