लीला आश्रम में मनाया ओशो का जन्मोत्सव पर्व
ओशो का जन्म 11 दिसंबर को 1931 को हुआ था
गाडरवारा की लीला ओशो आश्रम में ओशो को मृत्यु का बोध हुआ था
लीला आश्रम के संचालक राजीव जैन ने बताया ओशो को इस आश्रम में मृत्यु का बोघ हुआ था ओशो की जिन पंडित ने कुंडली बनाई थी कहा गया था प्रत्येक 7 वर्ष में मृत्यु का योग है
ओशो जब गाडरवारा आए इसी स्थान पर मृत्यु पर प्रयोग करने लगे जहां पर मृत्यु का बोघ बना हुआ है उसी स्थान पर ओशो लेट गए सर्फ आया उनके ऊपर ओशो को लगा आज मेरी मृत्यु इस सर्फ से है सर्फ आकर चला गया उस दिन ओशोको मृत्यु का बोघ हुआ
लखनऊ से सन्यासी पूर्णिमा वर्मा ने कहा आश्रम में पॉजिटिव एनर्जी है भगवान जिस स्थान पर लीलाएं हुई है उस जगह आकर अपने आपको धन्य समझ रही हूं
आश्रम में तीन दिवसीय कार्यक्रमों में सन्यासियों के द्वारा नाचते गाते झूमकर भजन कीर्तन कर ओशो का जन्म उत्सव पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
सन्यासियों के द्वारा ओशो का जन्मोत्सव केक काटकर मनाया गया
देहरादून से आए सन्यासी कमला शर्मा ने कहा इस स्थान पर आकर बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है
ओशो लीला आश्रम में प्रत्येक वर्ष भारत देश के अन्य जगह से ओशो के संयासी जन्मोत्सव पर बनाने के लिए बहुत दूर से गाडरवारा नगर में आते हैं