सुदर्शन, टूडे न्यूज ब्यूरो चीफ खरगोन
पेसा एक्ट के प्रावधानों की हुई कार्य
खरगोन स्थानीय पीजी कॉलेज में सोमवार को कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, सांसद श्री गजेंद्र पटेल और जिला पंचायत सीईओ श्रीमती ज्योति शर्मा ने जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य और जनपद पंचायतों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष व सदस्यों के लिए आयोजित पेसा एक्ट का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने एक्ट का क्रियान्वयन ग्राम सभा कैसे करें इस पर जनप्रतिनिधियों को जोर देने के संबंध में व्यवारिक पहलूओं के बारे में अवगत कराया। लोगों को बताना होगा कि आपके हाथों में एक ऐसी ताकत है जिसे आपने गांव की दशा और दिशा बदल सकते हैं। किसी भी जनजाति समूदाय की तीन महत्वपूर्ण ताकत है जल, जंगल और जमीन। यही ताकत एक्ट के माध्यम से दी गई है, और पेसा एक्ट मूलतः ये तीनों अधिकारी ग्राम सभाओं के पास हैं। यह अधिकार गांव के सभी नागरिकों के पास होगा। कलेक्टर श्री कुमार ने कहा कि ग्राम समिति का एक अध्यक्ष सर्वसम्मति से चूना जाएगा। इसके लिए कोई निर्वाचन की प्रक्रिया नहीं की जाएगी। क्षेत्रीय सांसद श्री गजेन्द्र पटेल ने संबंाधित करते हुए कहा कि 1882 में इस देश में फोरेस्ट एक्ट लाया गया था और ये कानून अंग्रेजों ने लागू किया था। उन्होंने कहा अंग्रेजों ने कानून इसलिए लागू किया कि गांवों और जंगलों में रहने वाले आदिवासी समूदाय इससे इन अधिकारों को छिना जाए। सांसद श्री पटेल ने कहा कि गांवों का अपना कल्चर हुआ करता है, गांव की अपनी संस्कृति हुआ करती है, गांव की अपनी संस्कृति हुआ करती है। इस संस्कृति की रक्षा के लिए ग्रामिणों को अधिकार दिये गए हैं। मप्र शासन ने 15 नवंबर से यह अधिनियम लागू किया है। अब गांवों और अधिक सशक्त बनाया गया है। जिला पंचायत सीईओ श्रीमती शर्मा ने भी पेसा एक्ट के तहत संबोधित किया।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर श्री राजेश कानूनगो ने भी प्रशिक्षण दिया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुबाई ने पेसा एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिए राज्य शासन को धन्यवाद दिया। प्रशिक्षण में गोगावा अध्यक्ष गंगाबाई, खरगोन अध्यक्ष संतोषी बाई, सेगावां सुनिता विजय डावर, भीकनगांव सरदार सिंह रावत, खरगोन विधायक प्रतिनिधि लखन पाटीदार सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।