सुदर्शन टुडे ब्यूरो दुर्गा शंकर सिंह राजपूत की रिपोर्ट
हरियाणा,
भारत मे राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है और साथ ही यह दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है ये विचार उन्हाणी निवासी शिक्षक व सोशल एक्टिविस्ट ,स्वतन्त्रता सेनानी उतराधिकारी मा. राजेश ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर व्यक्त किये ।
उन्होंने आगे कहा कि प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है।
दरअसल, प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।
मा.राजेश ने बताया कि पत्रकारों के देखने का नजरिया आम लोगो से अलग होना चाहिए उन्हे हमेशा सच्चाई को परोसना चाहिए ताकि समाज व सरकार को पता चले कहा सुधार कि आवश्यकता है और सही व पूरी जानकारी के साथ खबर प्रस्तुत करने पर शासन व प्रशासन को सही जानकारी मिलेगी।राष्ट्र विकास मे हर तंत्र कि महत्वपूर्ण भूमिका होती है और मीडिया की भी भूमिका अग्रणी रही है।
उन्होने आगे कहा कि कभी कभार मीडिया पर आरोप लगते हैं लेकिन ऐसी बात नही हैं मीडिया सकारात्मक और नकारात्मक जो दिखेगी वही प्रस्तुत करेगी। मीडिया को हड़बड़ी मे चटपटी खबरों से परहेज करना चाहिए।