Sudarshan Today
तेंदूखेड़ामध्य प्रदेश

’शासकीय रास्ते पर अतिक्रमण’ ’आदिवासियों को निकलने में हो रही परेशानी

 

✍️ धर्मेंद्र साहू

तेंदूखेडा- एक तरफ जहाँ शिवराज सरकार आदिवासियों के उत्थान की दिशा में नित नई नई घोषणायें कर आदिवासी वर्ग को साधने में लगी हुई है, वहीं दूसरी तरफ चांवरपाठा विकास खंड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम मदनपुर ग्राम पंचायत के ग्राम खेरुआ के सैकड़ों आदिवासी केवल एक आदमी के कारण आज परेशान बने हुए हैं, महज दो सौ फिट शासकीय रास्ते पर अतिक्रमण के चलते यहाँ पर निवास करने वाले आदिवासियों को निकलने में परेशानी के साथ साथ ना तो यहाँ से निकल पा रहे हैं और ना ही अपने बाहन यहाँ से निकल पा रहे हैं। यहाँ तक की पीड़ित आदिवासियों को कहना है अपने खेतों से कृषि उपज लाने ले जाने में परेशान होना पडता है,रास्ते पर अतिक्रमण परेशानी के चलते खेत में ही कृषि उपज काटकर वहीं से व्यापारी को बेचना मजबूरी बना हुआ है। यह समस्या कोई आज की समस्या नहीं है काफी लंबे समय से बनीं हुई है, स्थिति यहाँ तक बनीं हुई है, आदिवासियों की संतानों के शादी विवाह करने के लिए इस अतिक्रमण के कारण संकीर्णता के साथ काम करना पडता है, एक ही परिवार की आपस की फूट के कारण एक सदस्य द्वारा जानबूझकर यह स्थिति बनाई है, जिसका खामियाजा बेचारे आदिवासियों को भुगतना पड़ रहा है, इस रास्ते को खोलने के लिए अनेकों जतन किये गए लेकिन समाचार लिखे जाने तक रास्ते का अतिक्रमण नहीं खुल सका है, यहाँ के सजग आदिवासी अशोक कुमार ठाकुर का कहना है कि महज दो सौ फीट रास्ता ना खुल पाने के कारण यहाँ के लोगों को पांच किलोमीटर चक्कर लगाकर जाना आना पड़ता है, खेरुआ से टपरियों गाँव जाने के लिए पहले मदनपुर आना पडता है, फिर टपरियों के लिए जाना पडता है, यदि यह अतिक्रमण हटा दिया जाता है तो खेरुआ के लोगों को अपनी कृषि उपज घर तक लाने ले जाने में सुविधा के साथ बाहन निकलने के लिए सुविधा फिर टपरियों गाँव तक मात्र एक किलोमीटर तक का रास्ता तय करना पडेगा।

प्रशासन को किया जा रहा भ्रमित

चौकानें वाला विषय यह सामने निकल कर आया है कि अतिक्रमण कारी द्वारा शासकीय रास्ते को अपनी जमीन बता रहा है और कभी तहसील तो कभी न्यायालय की शरण लेकर सभी को भ्रमित कर रहा है, इस विषय को लेकर सैकड़ों की संख्या में विधायक संजय शर्मा से शिकायत करने पहुंचे आदिवासिुयों को आश्वस्त किया गया था कि शीघ्र ही रास्ता खुलवाया जायेगा, वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस विषय की वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया, प्रशासन द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने जैसे ही कार्यवाही शुरू ही की थी कि अतिक्रमण कारी ने न्यायालय की शरण लेकर पुनः अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही स्थुगित करा दी है, इस विषय को लेकर आदिवासियों में रोष होने के साथ शीघ्र ही एक विशाल आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है।

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