पलसूद :-जिला शिक्षा केंद्र, डायट एवं रूम टू रीड के संयुक्त तत्वाधान मे 8 सितम्बर से 25 सितम्बर तक चलित पुस्तकालय रथ जिले की शालाओं मे मे भ्रमण करते हुवे शनिवार को प्राथमिक विद्यालय बंधारा फल्या व प्राथमिक विद्यालय जामरिया फल्या पलसूद पंहुचा,बीआरसी राजेश गुप्ता द्वारा ब्लॉक के सभी स्कूल शिक्षकों को कहा है की लाइब्रेरी की पुस्तकों का विद्यार्थी व पालक अधिक से अधिक उपयोग करें बीएसी नवीन गुप्ता द्वारा ब्लॉक के स्कूलों मे चलित लाइब्रेरी रथ पंहुचाकर भाषायी कौशल मे दक्ष होने हेतु विद्यार्थियों का लाभ लेने हेतु कहा गया
जनशिक्षक सुरेशचंद्र राठौड़, रामलाल डावर ने बताया की चलित लाइब्रेरी रथ देखकर बच्चे एवं पालक देखने हेतु खुश हुवे उन्होंने अपनी पसंद की पुस्तके निकालकर पढ़ा, समझा, पुस्तके ग्रो बाय के अनुसार विभिन्न स्तर की आकर्षक, चित्रात्मक थी जिनका बच्चो व पालको ने पढ़ा
पालको ने अनुभव किया की उन्होंने किसी कारण स्कूल नहीं जाने से पढ़ नहीं पाए, हस्ताक्षर नहीं कर पाते है लेकिन उनके बच्चे धाराप्रवाह से पढ़ना सीख गए है और सीखने का क्रम जारी है इसलिए पालको को उनके बच्चों पर गर्व है जनशिक्षक विजिट मे बच्चों के पढ़ने के स्तर कितने शब्द प्रति मिनट बच्चा पढ़ लेता है इसका आकलन भी निरिक्षण फॉर्मेट के माध्यम से करते है रूम टू रीड जिला प्रभारी मदन शर्मा के द्वारा तीन रथ के माध्यम से जिले की स्कूलों मे चलित लाइब्रेरी रथ पंहुचाया व इसके माध्यम से पढने की आदत का विकास होता है जो विद्यार्थी धारा प्रवाह से पढ़ना सीख जाता है उसकी पंहुच लाइब्रेरी की सभी पुस्तकों तक होती है
ब्लॉक असोसिएट ब्रजेश जोशी ने कहा की बच्चे लाइब्रेरी के सहयोग एवं भाषा के आयामों के आधार पर शिक्षण कराने से बच्चे कक्षा दूसरी के समझ के साथ पढ़ना सीख गए व छोटे छोटे प्रश्नों का जवाब देते है
लोकेश भावसार, दुर्गा राठौड़ के अनुसार उनके विद्यालय मे लर्निंग कॉर्नर के माध्यम से कक्षा 1 से 5 के सभी विद्यार्थी लाइब्रेरी की पुस्तके पढ़ते है और रजिस्टर मे इंट्री कर बच्चे घर पुस्तकालय की पुस्तके पढने के लिए ले जाते है
बच्चे 35 शब्द प्रति मिनट पढ़ना सीख गए है
ऐफएलऐन के तहत मिशन अंकुर की गतिविधियों के अनुसार पढ़ा रहे है जो 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मापदंडो को पूरा करेंगे राज्य शासन के मिशन अंकुर मे भाषा, गणित व अंग्रेजी की अभ्यासपुस्तिकाओं पर बच्चो से कार्य करा रहे है जिससे दूसरी कक्षा से बच्चों का स्तर मे सुधार होने से आगे कठिनाईया नहीं आती है।