राजगढ़ जिले के लसूल्डिया माचलपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा गुरुदेव श्री प्रेमनारायण जी गेहूं खेड़ी के मुखारविंद से तृतीय दिवस शनिवार मैं कृष्ण। जन्म उत्सव मनाया गया कथा में गुरुदेव ने श्रद्धालुओं को मालवा की भाषा में समझाया की हम भगवान के हैं भगवान हमारे हैं इस भावना से संसार में रहो।संसार में जीना है तो सहनशक्ति जरूरी है मनुष्य को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए।भगवान अहंकार का आहार करते है जब किसी आदमी को एक दिन क्रोध आता है क्रोध में आदमी कहता है कि मैं ऐसा कर देता हु।वैसा कर देता हु। सब कुछ कर देता हू।एक दिन उसी आदमी का बाथरूम रुक जाता है अस्पताल में पलंग पर जाकर लेट जाता है खुद की बाथरूम डॉक्टर नली थैली लगाकर निकालता है खुद की पेशाब नहीं निकाल पाता है यही मनुष्य की कहानी होती है इसलिए क्रोध नहीं करना चाहिए *बलि प्रथा**गुरुदेव ने बली प्रथा के बारे में श्रद्धालुओं को समझाया हैं की कुछ जगह बलि चढ़ाई जा रही हैं किसी का बेटा बीमार हो जाता है तो मनुष्य बदले मै मान करते हैं कि मेरा बेटा सही हो जाएगा तो बदले में जीव चढ़ाऊगा गुरुदेव कहते हैं कि यह मनुष्य का महापाप कहलाता है।ओर सभी माता बहनों से गुरुदेव ने कहा है कि कथा में कीमती सोने चांदी के आभूषण कम से कम पहनकर आना चाहिए। गुरुदेव कहते हैं कि सादा जीवन जीना चाहिए अधिक से अधिक समय भगवान के भजंन में लगाना चाहिए कथा के निष्कर्ष में गुरुदेव ने बताया है कि मनुष्य को संकट सहना पड़ेगा अगर धर्म को बचाना है तो । गुरुदेव का ऐसा कहना है की हमारा फोटो मत खिंचो अगर खिंचना ही है तो भगवान का खिंचो न ही हमारा नाम चापो अगर छापना ही है तो भगवान का छापो इसलिए न ही फोटो लगा पायेंगे न ही विडियो इसके लिए क्षमा। *सुदर्शन टुडे संवाददाता विक्रम सिंह सोंधिया* सम्पर्क नं 9617997372