सुदर्शन टुडे सारनी। नगर पालिका परिषद सारनी के अंतर्गत आने वाले मठारदेव महाराज वार्ड क्रमांक 1 में लगभग आधा दर्जन परिवार पिछले 15 वर्ष से रोड बनने का इंतजार कर रहे हैं। और शायद आगे भी इंतजार ही करता रहे। वार्ड क्रमांक 1 निवासी शिवाजी सूने ने बताया कि वार्ड क्रमांक 1 भारेवा मोहल्ले से उनके निवास स्थान तक लगभग 400 मीटर कच्चा मार्ग है। जिसे बरसात के मौसम में पार करना सबसे कठिन कार्य होता है। इस 400 मीटर के मार्ग को पार करने में एक घंटा निकल जाता है। वही रात के समय अपने कार्य से घर लौटते वक्त कई बार लोगों की जान पर बन आई। उन्होंने बताया कि इस कच्चे मार्ग पर सड़क निर्माण या वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कई बार पूर्व पार्षद से लिखित और मौखिक शिकायत की गई। बावजूद इसके स्थिति जस की तस रही। और परेशानी अत्यधिक बढ़ जाने पर वार्ड के लोगों के द्वारा पैसे इकट्ठा कर वैकल्पिक मार्ग बनाया जाता है। ताकि बरसात में होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके।
स्कूली बच्चे होते हैं परेशान सड़क निर्माण न होने से स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इतना ही नहीं कच्चा मार्ग होने और गड्ढों में पानी भर जाने के कारण बच्चों की यूनिफार्म गंदी हो जाती है। और स्कूल देरी से पहुंचना और गंदी यूनिफार्म के कारण बच्चों को स्कूल में भी शिक्षकों की भी डांट खानी पड़ती है। जब वह सारी घटना आकर अपने घर पर अपने माता-पिता को बताते हैं। कि आज फिर स्कूल में देरी से पहुंचने और गंदी यूनिफार्म के कारण डांट खानी पड़ी। तो माता-पिता भी बच्चों को समझा कर चुप करा देते हैं। क्योंकि 15 साल से तो वह खुद ही सड़क निर्माण के लिए प्रयासरत हैं।
शारदा मंदिर पहुंच मार्ग भी कच्चा, कई बार शिकायत अगर हम सिर्फ इंसानों से दूजे व्यवहार की बात करें तो यह न्याय संगत नहीं होगा। क्योंकि पूर्व पार्षद ने तो भगवान को भी नहीं छोड़ा। पूर्व पार्षद भगवान को भी अपने टशन के आगे कुछ नहीं समझाते। क्योंकि वार्ड नंबर 1 मठारदेव महाराज सेंट फ्रांसिस के पास शारदा माता मंदिर पहुंच मार्ग कच्चा होने के कारण भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मंदिर के संचालक शंभू सिंह के द्वारा कई बार मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था के लिखित और मौखिक दोनों रूप से शिकायत पूर्व पार्षद से की गई। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन पर ही बात टाल दी जाती है। और अपने स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही जाती है। अब नवरात्रि का पावन पर्व प्रारंभ होने वाला है। ऐसे में मंदिर तक पहुंचने वाले भक्तों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था ना होने के कारण भक्तों में पूर्व पार्षद के प्रति नाराजगी देखी जा सकती है।