*सुदर्शन टुडे संवाददाता बी.एल.सूर्यवंशी काछीबड़ौदा*
काछीबड़ौदा(धार) मध्यप्रदेश के धार जिले की बदनावर तहसील के अंतर्गत ग्राम काछीबड़ौदा,धमाना,खेरवास आदि ग्रामों के बालक-बालिकाओं की पढ़ाई गांव में जहां तक स्कूल है वहाँ तक पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई इस मार्ग पर बसे नहीं चलने के कारण नहीं कर पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि विगत 15 वर्षों से बदनावर व्हाया रुनिजा, काछीबड़ौदा,धमाना,खेरवास मार्ग से बसे पूर्ण रुप से बंद हो गई हैं। जानकारी के अनुसार इन ग्रामो से होकर कई बसे गुजरती थी व आज भी अनेक बसों का परमिट है। उसके बाद भी बस मालिकों की मनमानी के चलते बसों को अन्य मार्ग से संचालित की जा रही हैं। बच्चों के साथ-साथ ग्राम व क्षेत्र के लोगों को भी तहसील मुख्यालय,पुलिस थाना,न्यायालय,मंडी,आदि स्थानों पर आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं की भी फजीहत के साथ-साथ आगे की पढ़ाई नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं। क्योंकि जिन छात्र-छात्राओं का पढ़ाई में रुचि रखते हैं वह तो पढ़ाई के लिए मां-बाप को स्कूल जाने के लिए तो परेशान करेंगें ही। जिसके चलते गरीब तबके के लोग बाजार में से कर्ज लेकर मोटरसाइकिल खरीद कर बच्चों को रोजाना स्कूल लाना ले जाना कर रहे हैं। जिसके कारण ग्राम व क्षेत्र के ग्रामीणों को आर्थिक भोज को भी सहन करना पड़ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया था साथ ही ग्रामीणों ने लेबड़-नयागांव फोरलेन पीथाकुई पर भुख हड़ताल व आमरण अनशन भी कर चुके है बावजूद कोई सुध लेने को तैयार नही है। ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि शायद ग्राम काछीबड़ौदा धार जिले का अंतिम गांव होने के कारण सांसद,विधायक व मंत्री-संत्री इस और ध्यान आकर्षित नहीं कर रहे है। उधर क्षेत्र के लोगों ने बताया कि प्रदेश के मुखिया प्रदेश के स्कूली छात्र-छात्राओं को मेरे भांजे एवं भांजिया कहकर अपमानित कर रहे हैं। क्योंकि आगे की पढ़ाई के लिए हम विवश है। साथ ही जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वह सिर्फ कागजो के घोड़े पर ही चल रही है। और जितने भी वादे किए जा रहे हैं वह खोखले साबित नजर आ रहे हैं। ग्राम व क्षेत्र के लोगों ने उक्त सड़क पर जितनी भी बसों का परमिट है उन बसों को तत्काल इस रूट पर शासन-प्रशासन से शीघ्र चालू करवाने की मांग की है। जिससे बच्चों की आगे की पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे। शासन-प्रशासन से ग्राम व क्षेत्र के ग्रामीणों ने यह भी मांग की है की जितनी भी बसो का इस मार्ग पर परमिट हैं उन्हें इस मार्ग से बसों का संचालन किया जावे नहीं तो तत्काल बसों के परमिट निरस्त कर बसों को जप्त करने की भी मांग की है।
*सुदर्शन टुडे संवाददाता बी.एल.सूर्यवंशी काछीबड़ौदा*
*प्रदेश के मुखिया के भांजे-भांजिया बसे नहीं चलने से आगे की पढ़ाई से हो रहै है वंचित*
काछीबड़ौदा(धार) मध्यप्रदेश के धार जिले की बदनावर तहसील के अंतर्गत ग्राम काछीबड़ौदा,धमाना,खेरवास आदि ग्रामों के बालक-बालिकाओं की पढ़ाई गांव में जहां तक स्कूल है वहाँ तक पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई इस मार्ग पर बसे नहीं चलने के कारण नहीं कर पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि विगत 15 वर्षों से बदनावर व्हाया रुनिजा, काछीबड़ौदा,धमाना,खेरवास मार्ग से बसे पूर्ण रुप से बंद हो गई हैं। जानकारी के अनुसार इन ग्रामो से होकर कई बसे गुजरती थी व आज भी अनेक बसों का परमिट है। उसके बाद भी बस मालिकों की मनमानी के चलते बसों को अन्य मार्ग से संचालित की जा रही हैं। बच्चों के साथ-साथ ग्राम व क्षेत्र के लोगों को भी तहसील मुख्यालय,पुलिस थाना,न्यायालय,मंडी,आदि स्थानों पर आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं की भी फजीहत के साथ-साथ आगे की पढ़ाई नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं। क्योंकि जिन छात्र-छात्राओं का पढ़ाई में रुचि रखते हैं वह तो पढ़ाई के लिए मां-बाप को स्कूल जाने के लिए तो परेशान करेंगें ही। जिसके चलते गरीब तबके के लोग बाजार में से कर्ज लेकर मोटरसाइकिल खरीद कर बच्चों को रोजाना स्कूल लाना ले जाना कर रहे हैं। जिसके कारण ग्राम व क्षेत्र के ग्रामीणों को आर्थिक भोज को भी सहन करना पड़ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया था साथ ही ग्रामीणों ने लेबड़-नयागांव फोरलेन पीथाकुई पर भुख हड़ताल व आमरण अनशन भी कर चुके है बावजूद कोई सुध लेने को तैयार नही है। ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि शायद ग्राम काछीबड़ौदा धार जिले का अंतिम गांव होने के कारण सांसद,विधायक व मंत्री-संत्री इस और ध्यान आकर्षित नहीं कर रहे है। उधर क्षेत्र के लोगों ने बताया कि प्रदेश के मुखिया प्रदेश के स्कूली छात्र-छात्राओं को मेरे भांजे एवं भांजिया कहकर अपमानित कर रहे हैं। क्योंकि आगे की पढ़ाई के लिए हम विवश है। साथ ही जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वह सिर्फ कागजो के घोड़े पर ही चल रही है। और जितने भी वादे किए जा रहे हैं वह खोखले साबित नजर आ रहे हैं। ग्राम व क्षेत्र के लोगों ने उक्त सड़क पर जितनी भी बसों का परमिट है उन बसों को तत्काल इस रूट पर शासन-प्रशासन से शीघ्र चालू करवाने की मांग की है। जिससे बच्चों की आगे की पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे। शासन-प्रशासन से ग्राम व क्षेत्र के ग्रामीणों ने यह भी मांग की है की जितनी भी बसो का इस मार्ग पर परमिट हैं उन्हें इस मार्ग से बसों का संचालन किया जावे नहीं तो तत्काल बसों के परमिट निरस्त कर बसों को जप्त करने की भी मांग की है।