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बैतूल

यहां अनोखा स्कूल नहीं होती पढ़ाई-लिखाई इस स्कूल में केवल भोजन करने आते हैं बच्चे

बैतूल सुदर्शन टुडे राहुल नागले

बैतूल जिले के दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों के स्कूलों की व्यवस्था बेहद दयनीय है। कहीं शिक्षकों का अता-पता नहीं रहता है तो कहीं शिक्षक जाते भी है तो केवल हाजरी लगाने। इसी कड़ी में जिले के एक और अनूठे स्कूल का मामला सामने आया है। जिले का यह इकलौता ऐसा स्कूल होगा, जहां बच्चे केवल मध्यान्ह भोजन भर करने आते हैं। मध्यान्ह भोजन होते ही उनकी छुट्टी और स्कूल बंद हो जाता है।

यह अनोखा स्कूल है आठनेर ब्लॉक के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित नढ़ा गांव का शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक स्कूल। इस स्कूल की यह हकीकत तब सामने आई जब 27 जुलाई 2022 को इस गांव के कुछ ग्रामीण अचानक यहां मुआयना करने पहुंचे। ग्रामीण और पालक जब यहां दोपहर 3.10 बजे पहुंचे तो स्कूल में ताला लगा हुआ था। यह देख उन्होंने पंचनामा बनाया। साथ ही अन्य लोगों से जानकारी ली तो जो जानकारी सामने आई उससे ग्रामीण भी हैरत में पड़ गए।

ग्रामीणों द्वारा बनाए गए पंचनामा के अनुसार वे दोपहर 3.10 बजे शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शाला नढ़ा के आकस्मिक निरीक्षण को पहुंचे। उस समय स्कूल बंद पाई गई। यहां पदस्थ शिक्षक के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि वे बच्चों को केवल भोजन कराकर छुट्टी कर देते हैं। कक्षा 1 से 8 तक यहां 85 से अधिक बच्चे दर्ज हैं। पंचनामा के अनुसार यहां पदस्थ शिक्षक पहले अत्यधिक शराब पीते थे। इसलिए काफी कमजोर और बीमार रहते हैं। इसी के चलते वे पढ़ाते नहीं हैं।यह स्थिति देख ग्रामीणों ने उक्त शिक्षक को हटाने और यहां अन्य शिक्षक पदस्थ किए जाने की मांग की है। साथ ही जल्द अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की मांग भी की है। ताकि बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो सके। निरीक्षण के लिए पहुंचे ग्रामीणों में शिवलाल, बुद्धूलाल, किसनू, विजय, कलीराम, जयदेव, विनोद, गुलशन, मूलचंद सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं।

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