सुदर्शन टुडे के लिए खरगोन से शाहिद खान की रिपोर्ट
जिले की सीमा पर मण्डलेश्वर तहसील में मण्डेश्वर-महू मार्ग पर बना होल्करकालीन जामगेट मंगलवार से पुनः आम नागरिकों के लिए खोल दिया गया है। अब इस मार्ग से भी खरगोन-इंदौर पहुँचा जा सकता है। ज्ञात हो कि 7 जून से 13 जून तक जामगेट से मण्डलेश्वर-महू की ओर जाने पर प्रतिबंधित किया गया था। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान एमपीआरडीसी का रोड बन जाने के बाद से अत्यंत रमणीय होकर लोकप्रिय हो गया है। यहां से व्यावसायिक वाहन बहुत कम संख्या में लेकिन पर्यटक काफी संख्या में आने लगे हैं। होल्करकालीन जामगेट राज्य संरक्षित स्मारक होने से बन्द अवधि में अनुरक्षण एवं विकास कार्य किये जा रहे थे। अंतिम चरण में गेट से गुजरने वाली सड़क बनाना था। इस कारण इसे बंद किया गया था।
बारिश में कराता है अलौकिक अहसास वैसे तो जामगेट की सौन्दर्यता को निहारने 12 महीने पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन बारिश के मौसम में इस क्षेत्र के लिए विशेष उपहार देखने में आता है। यहां न सिर्फ बारिश ही नहीं बल्कि बादल भी घाटियों में वनों से मिलने आते हैं। गहरी घाटी में बादलों का झुरमुट जब हवाओं के साथ ऊपर की ओर उठता है तो प्रकृति का अलौकिक अहसास कराता है। जामगेट मार्ग पर झरने भी कर्णप्रिय ध्वनि से पुकारने लगते हैं। खासकर सुबह-सुबह और अक्सर शाम के समय पर्यटक आन्नद लेते हैं।