सीहोर। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मात्र घोषणावीर है, इनकी घोषणाओं का परिणाम आगामी दिनों में मुख्यमंत्री को उनके गृह जिले में भुगतना पड़ेगा और भाजपा का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में सुपड़ा साफ हो जाएगा। राज्य का अर्थतंत्र इस कदर गड़बड़ाया कि वह बीमारू की श्रेणी में शुमार होने लगा, निवेश आना रुक गया और बेरोजगारी तेजी से बढ़ती जा रही थी, फिर सड़कों की दुर्दशा, पेयजल समस्या और बिजली की किल्लत कोढ़ में खाज बन गई। उक्त विचार बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी पहुंचे कांग्रेस के जिला संगठन और नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी कांग्रेस के नेता रामवीर सिंह सिकरवार ने कहे।
उन्होंने कहा कि शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में सालों बीत जाने के बाद भी नियमित रूप से पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पाई है। हर साल शहर में पानी का संकट गहराता है, लेकिन इंतजाम कुछ नहीं होते है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब दस-ग्यारह साल पहले नगर पालिका चुनाव के दौरान सीहोर में नर्मदा का जल लाने की घोषणा की थी। तब नगर पालिका के दो कार्यकाल बीत चुके हैं, लेकिन नर्मदा का जल लाने के लिए कोई पहल नहीं हुई। क्षेत्र में जल संकट हर साल गहराता जा रहा है और प्रदेश के मुखिया हर साल घोषणा कर चलते बन जाते है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी पूरी तरह मजबूत है और हमारे पास अनेक मुद्दे ऐसे है जिनके बल पर हमें आगामी चुनावों में जनता का वोट प्राप्त होगा। बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष डॉ. बलवीर तोमर सहित सैकड़ों की संख�