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पथरिया

सचिव के निलंबन पर खड़े हुए कई सवाल, सचिव ने लगाए सीईओ, एवं सरपंच पर आरोप झूठी शिकायत के आधार पर बिना किसी नोटिस दिए किया निलंबित- सचिव सेवाराम अठिया।

पथरिया

पथरिया जनपद पंचायत का एक मामला सचिव के निलंबन को लेकर सामने आया है, जहां एक पंचायत में सरपंच एवं सचिव का तालमेल ना बैठने की वजह से अन्य पंचायत से स्थानांतरित होकर आए सचिव को पंचायत में प्रभार मिलने के पहले बिना किसी नोटिस के निलंबित करने का आरोप सीईओ आशीष अग्रवाल सहित पंचायत सरपंच पर भी निलंबित सचिव ने लगाए हैं
दरअसल मामला पथरिया जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत मेहलवारा का है जहां सचिव सेवकराम आठिया को अक्टूबर 2021 में खोजाखेड़ी से स्थानांतरित के ग्राम पंचायत मेहलवारा में नियुक्त किया गया था, किंतु नवंबर में ही उन्हें पंचायत का चार्ज मिलने से पहले ही निलंबित कर दिया गया, सेवक राम अठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें बिना किसी गलती के निलंबित किया गया है उन्हें बिना किसी नोटिस जारी किए, निलंबित का आदेश थमा दिया गया है। सेवाराम ने बताया कि उन्हें मेहलवारा पंचायत में पूर्व सचिव के द्वारा पंचायत का प्रभार मिलने से पहले ही उन्हें निलंबित कर दिया गया, सरपंच के द्वारा सचिव सेवाराम अठिया के विरुद्ध पांच बिंदु का शिकायत पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है जिसमें बताया गया है कि 1 नवंबर 2022 मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के कार्य में अनियमितता बरती गई एवं ग्राम पंचायत में सचिव अनुपस्थित रहे तो वही हितग्राही मूलक कार्यों में रुचि नहीं लेते जिससे जनप्रतिनिधियों सचिव पर असंतोष में व्याप्त है,वहीं शिकायत के आधार पर ग्राम पंचायत मेहलवारा पदस्थ सचिव सेवकराम अखिया का स्थानांतरण अन्य ग्राम पंचायत में करने अथवा संबंधित को जिला पंचायत जनपद पंचायत कार्यालय में संबंध करते हुए नजदीकी सचिव डालचंद अहिरवार को ग्राम पंचायत मेहलवारा का अतिरिक्त प्रभार। सौंपने हेतु प्रतिवेदन अनुशंसा सहित प्रेषित किया गया ।
अब यह तथ्य विचारणीय है कि जब सचिव के लिए ग्राम पंचायत का प्रभार ही नहीं मिला तो वह हितग्राही मूलक कार्य में अपनी रुचि व्यक्त कैसे कर सकता था, तो वही सचिव के अनुसार ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापना दिवस के दिन सचिव उपस्थित था, जिसके पंचायत के रजिस्टर में हस्ताक्षर है साथ ही उसके पास कार्यक्रम की कुछ फोटोग्राफ है जिसमें सचिव को साफ तौर पर देखा जा सकता है, उन्हीं फोटोग्राफ्स में ग्राम पंचायत में सरपंच मौजूद नहीं है बल्कि उनकी जगह पर उनके पुत्र प्रतिनिधि के रुप में मौजूद है ,
तो वही प्रभार मूल पंचायत के निवासी सचिव के लिए सौंपा गया है जिसमें प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है, सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत के कार्यों में एवं बैठकों में सरपंच उपस्थित नहीं रहतीं उनके बदले उनके पुत्र कार्यभार देख रहे हैं एवं पंचायत के कार्यों में भी वही हस्तक्षेप करते है, तो वही सूत्र यह भी बताते हैं कि अगर पंचायत के कार्यों में सरपंच के हस्ताक्षर का मिलान किया जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा

इनका कहना

स्थानांतरण आदेश का पालन ना करने के आधार पर निलंबित किया गया होगा मुझे याद नहीं है, बाकी आप ने जो कहा है की सरपंच प्रतिनिधि हस्ताक्षर करते हैं तो मैं जांच करा लेता हूं
अजय श्रीवास्तव, जिला सीईओ दमोह

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