सुदर्शन टुडे ओमप्रकाश राठौर बोड़ा
नरसिंहगड़/बोड़ा – मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है यह सत्य सनातन धर्म हमें सिखाता है मनुष्य रूप में ही भगवान हर पल जन्म लेते हैं उक्त विचार हिंगलाज माता नागादेवी मंदिर परिसर में गत 3 जून से चल रहे महायज्ञ के दौरान चल रही कथा मैं पधारे संत महंत एकनाथ महाराज मुंबई द्वारा सत्संग पंडाल में उपस्थित धर्म प्रेमी जनों को संबोधित करते हुए कहे महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम श्याम एवं बजरंगबली मनुष्य रूप में इस धरती पर अवतरित हुए एवं मनुष्य की तरह व्यवहार किया उन्होंने कभी भी किसी का भविष्य नहीं देखा यह सत्य प्रेरणा हमें रामायण से मिलती है। भगवान राम जब वनवास में थे माता सीता का हरण रावण द्वारा किया गया तब वह बड़े बेचैनी से माता सीता को तलाश रहे थे। सब से पूछ रहे थे कि तुम ने सीता को कहीं देखा है क्या? हनुमान जी महाराज से भी मिले उनसे भी पूछा कि तुमने मेरी पत्नी सीता को कहीं देखा है आप मेरी सहायता सीता को ढूंढने में कीजिए। महाराज श्री ने बागेश्वर धाम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब भगवान श्री राम भविष्य नहीं देख सकते थे न ही हनुमान जी देख सकते थे तो फिर बागेश्वर धाम के कथावाचक किस दृष्टि से लोगों का भविष्य देख रहे हैं इसका जवाब उन्हें देना चाहिए एवं धर्म प्रेमी जनों को भ्रमित ना करें बागेश्वर धाम की कथा वाचक लोगों को बागेश्वर धाम ही क्यों बुलाते हैं संसार में वीर बजरंगबली के अनेक मंदिर है वह कहीं पर भी जाकर लोगों को उपदेश दे सकते हैं किंतु उनके द्वारा जनता को भ्रमित कर केवल बागेश्वर धाम बुलाकर भविष्य देखने की बातें करते हैं इसलिए सभी धर्म प्रेमी जनों को भ्रमित करने वाली बातों से सावधान रहना चाहिए और अपना मन केवल और केवल मानव सेवा में ही लगाना चाहिए कथा एवं महायज्ञ का समापन 9 जून को पूर्णाहुति एवं प्रसादी वितरण के साथ होगा आयोजन समिति ने धर्म प्रेमी जनों से बड़ी संख्या में महा आयोजन में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की है।