सुदर्शन टुडे संवाददाता शिवशंकर राठौर
झिरन्या।लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ झूमते नाचते गाते माता को घर लेकर आए। गणगौर पर्व को लेकर सुबह से ही लोगों में खुशी का वातावरण देखा गया। गणगौर का पर्व नगर में बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
ढोल के साथ श्रृंगारित रथों में लोग घर लाए जवारे गणगौर निमाड़ का सबसे बड़ा लोकपर्व है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया से प्रारंभ होकर चतुर्दशी तक मनाया जाता है. यह त्यौहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है. इस त्योहार में महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन औ की कामना के लिए व्रत रखती हैं. यह त्यौहार झिरन्या अंचल में धूमधाम से मनाया जाता है. गणगौर उत्सव झिरन्या सहित पूरे निमाड़ का सबसे बड़ा त्योहार है. चैत्र की नवरात्रि में मनाया जाने वाला यह त्यौहारझिरन्या क्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. आज गुरुवार को तीसरे दिन माता की बाड़ी खुली 7 दिन सेवा के बाद श्रद्धालुओं ने जवारों के दर्शन पूजा किए। दोपहर में माता के जवारों को सुसज्जित रथों में स्थापित कर चल समारोह में ढोल धमाकों के साथ घर ले गए।
थाना चैनपुर पुलिस प्रशासन की सुरक्षा मेंकार्यक्रम आरक्षक अनिल कुमार जीबीट प्रभारी रमेश अशोक मीणा पवार साहब कटारिया जी आनंद मंडलोई, लक्की और, मनाया नगर में माताजी का स्वागत किया और रंगमंच पर बैंड बाजे के साथ माता के भजन के साथ इस कार्यक्रम में नगर के सभी धर्म प्रेमी उपस्थित रहे