राजू देवड़ा बालीपुर धाम
गणगौर पर्व को लेकर उत्साह भरा वातावरण बना हुआ है। बालीपुर धाम के घरों में माता की बाड़ी में ज्वारे बोए गए है तथा वहां पर प्रतिदिन भक्ति भाव से पूजा अर्चेना चल रही है। साथ ही माता की बाड़ी में जल सिंचन धूप ध्यान किया जा रहा है। राजू देवडा ने बताया कि माता की बाड़ी ग्यारस को बोई गई है। ग्यारस से पातियां लाई जाकर प्रतिदिन महिलाओं द्वारा शाम को निमाड़ी गणगौर गीत रनुबाई-रनुबाई खोलो किवाड़ों, बाहर ऊबा महे पूजन वाला, जवरा जवारा ने कंकु रा क्यारा, जव म्हारा लेरा लेहराया…। हंस-हंस पूछे दीवानजी बात, कन ने वाया माता रा जाग… आदि गीतों से घर, मोहल्ले गुंजायमान हो रहा है।
सिर्वी समाज उत्साह से मनाता है गणगौर
गणगौर पर्व पूरे निमाड़ क्षेत्र का प्रसिद्ध लोक पर्व है। निमाड़ में बालीपुर क्षेत्र का गणगौर पर्व पूरे प्रदेश में जाना जाता है।यहां पर्व के 15 दिन पहले से ही घरों में सफाई कर रंग-रोगन कर माता के आने को स्वागत किया जाता है।
क्षेत्र में रहने वाले सिर्वी समाज इस पर्व को दीपावली की तरह मानते हैं। नगर में बालिकाएं अपनी सखी सहेलियों के साथ विशेष स्थान से ढोल के साथ पातियां सुसज्जित कलश को लकड़ी के बाजोट पर रख सिर पर धारण कर लाती है। 11 अप्रैल को बड़ी पाती के दिन बालिकाओं के द्वारा दूल्हा दुल्हन बनाकर विशेष श्रृंगारित पातिया लाई जाएगी।