संवाददाता रानू जावेद खान
जवेरा दमोह
बनवार बस स्टैंड परिसर में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन पं उमाशंकर शास्त्री ने कथा में बताते हुए कहा अच्छे व्यक्तियों का संग सुलभ न हो तो अच्छी पुस्तक पढ़ना शुरू कर दीजिए उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार होता तब तक भगवान अवतार लेकर आये, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। यह बात माचलपुर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते । भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए चौथे दिवस पंडित नागर ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया। इसके शास्त्री ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनन तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जेजेकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। कथा सुनने नगर सहित आसपास गांव से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।