पचोर (राजेश भारतीय)] सुदर्शन टुडे।
इन्दौर गुना मार्ग पर स्थित पचोर नगर की धन्यधरा पर निर्मित श्री चंद्रप्रभ तलेन धाम का भव्यातिभव्य विराट प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए मंगलवार को परमात्मा का भव्य वरघोडा निकाला गया। वरघोड़ा परम पूज्य बन्धुत्रिपुटी मुनि श्री आगम-प्रशम-वज्ररत्न सागरजी म.सा. आदि ठाणा की शुभ निश्रा में एवं शासन रत्न श्री मनोज कुमार जी हरण के मार्गदर्शन में धूमधाम से अग्रवाल धर्मशाला से प्रारंभ हुआ जो शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए नवनिर्मित जिनालय पर पहुंचा। वरघोड़े का स्थान स्थान पर भव्य स्वागत हुआ। वरघोड़े में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।धर्मसभा को संबोधित करते हुए वज्ररत्न सागर जी म.सा. ने कहा आज का वरघोड़ा देखकर लगता है परमात्मा का पुण्य अद्भुत होता है। परमात्मा के पुण्य से हर एक काम हो जाते हैं और आज पचोर नगर के अंदर ऐतिहासिक मंदिर की प्रतिष्ठा होने जा रही है। विधिकारक शासन रत्न मनोज कुमार हरण ने इस आसपास के क्षेत्र को धार्मिक दृष्टि से सिंचित किया है। सबसे ज्यादा जिन मंदिरों की प्रतिष्ठा हरण जी के हाथों हुई है।प्रमुख चढ़ावों की लगाई बोली प्रतिष्ठा महोत्सव के मीडिया प्रभारी मनोज जैन ने बताया 13 मार्च को भव्यातिभव्य प्रतिष्ठा एवं चंद्रप्रभ भवन उद्घाटन समारोह होगा। प्रतिष्ठा के लिए मूलनायक श्री चन्द्रप्रभ स्वामी की प्रतिष्ठा के लाभार्थी खेमराज सुरेश रांका परिवार, महावीर स्वामी की प्रतिष्ठा के लाभार्थी हेमलता बेन परेशभाई परिवार, श्री सुपार्श्वनाथ स्वामी के लाभार्थी डॉ डी सी सुराणा परिवार, श्री शांतिनाथ स्वामी के लाभार्थी शरदकुमार कोठारी परिवार, श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ के लाभार्थी नितिन कुमार जैन परिवार, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ के लाभार्थी पारसमल चौरड़िया परिवार, गणधर श्री गौतम स्वामी के लाभार्थी सुरेशचंद्र जैन परिवार, दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि के लाभार्थी ज्ञानचंद सचिन कुमार भंसाली परिवार शाजापुर, श्री नाकोड़ा भैरव देव के लाभार्थी संजय कुमार अभिषेक जैन सीकेएस परिवार शाजापुर, श्री चक्रेश्वरी देवी के लाभार्थी अशोक डागा परिवार, श्री पद्मावती देवी के लाभार्थी बागमलजी कांतिलाल ओस्तवाल परिवार रहेंगे। इसके अलावा 99 लाभार्थियों ने मंदिर की ध्वजा का लाभ लिया। बुधवार को परमात्मा की भव्य प्रतिष्ठा संपन्न कराई जाएगी, सुबह 8:00 बजे से विधि-विधान प्रारंभ होगा ।450 वर्ष प्राचीन है मूलनायक भगवान की प्रतिमा शुजालपुर से 20 किलोमीटर दूर तलेन में चंद्रप्रभ स्वामी की 450 वर्ष प्राचीन प्रतिमा विराजित थी, यहां 250 वर्षों से जैन मंदिर विद्यमान है। तलेन में जैन श्रावकों का एक भी घर नहीं होने से मंदिर की व्यवस्था को संभालना मुश्किल हो रहा था और मंदिर भी जीर्ण शीर्ण हो रहा था। मंदिर की व्यवस्था शुजालपुर सिटी निवासी समरथमल धारीवाल संभालते थे, उनके मन में भावना जागी इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाएं। देश विदेश में 1220 से अधिक प्रतिष्ठाओं के विधि विधानकर्ता शासनरत्न श्री मनोज कुमार जी हरण की प्रेरणा से तलेन जैन मंदिर की प्रतिमाएं पचोर नगर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। पचोर में जिन मंदिर के निर्माण हेतु विशाल भूखण्ड स्व. मदनसिंह जी सर्राफ की स्मृति में श्रीमती कमलाबाई राजेश कुमार सर्राफ परिवार शुजालपुर सिटी के द्वारा श्री संघ को दान में दिया गया। पचोर में जिनालय एवं श्री चन्द्रप्रभ जैन भवन का संपूर्ण निर्माण कार्य जैन श्वेताम्बर श्री संघ शुजालपुर के नेतृत्व में संपन्न होने जा रहा है।