आशीष नामदेव
शहडोल। बिलासपुर कटनी मार्ग में बार बार यात्री ट्रेनों के बंद होने से कोयलांचल क्षेत्र के यात्रियों को यात्रा करने में हो रही भारी परेशानी रेल मंडल बिलासपुर के अधिकारियों की हठधर्मिता ने बिलासपुर-कटनी रेल खण्ड में यात्री गाड़ियों को विराम की स्थिति में ला दिया है।
वहीं कोयला गाड़ियों का परिचालन द्रुति गति से जारी है।तीसरी लाइन की कार्य पद्धति से यात्री गाड़ी ही प्रभावित हो रहीं हैं,इस पर समूचा संभाग मौन है इस कारण रेल अधिकारियों का मनोबल बढ़ा है। गोंदिया-बरौनी ट्रेन का रास्ता बदल कर चलाना संकेत देता है कि कालांतर में यह ट्रेन इस रूट से नही चलेगी।अच्छा तो यह होता कि इस ट्रैक पर ओवर नाइट ट्रेन चलाई जाय जिससे कोयला निकासी में कोई व्यवधान न आए। तीसरी लाइन निर्माण होने के पूर्व यही अधिकारी कहते थे कि तीसरी लाइन बन जाने से बहुतायत संख्या में यहाँ से ट्रेने चलेंगी लेकिन यह भी जुमला साबित हो रहा है। जन प्रतिनिधि टिकट मिलने की खुशी का जश्न मनाने और पूजा-पाठ में निमग्न हैं।हताश मध्यम वर्ग जो रेल गाड़ी की यात्रा पर शत- प्रतिशत निर्भर है वही परेशान दिखता है और कोई चिंतित नही दिखता।उच्च वर्ग सुविधा-सम्पन्न है विपन्न वर्ग पैदल चलने का अभ्यासी है इसलिए ये दोनों चिन्ता मुक्त हैं।चपेट में यदि कोई है तो वह है मध्यम वर्ग जो आये दिन शासन-प्रशासन की रेल कुव्यवस्था पर कुढ़ता रहता है। हर मंत्री मिनिस्टर,अधिकारी एक दिन अपने पद से मुक्त होकर समाज के अंग बनेंगें पर आज तो उनकी दृष्टि जहाँ पड़नी चाहिए नहीं पड़ रही है क्योंकि उनकी आंखों पर दक्षिण पंथ का मोटा काला कोयला वाला चश्मा चढ़ा हुआ है। संभाग के हर वर्ग से अपेक्षा है कि इस विषय पर चिंतन-मनन कर समस्या के समाधान में अपना प्रभावी योगदान दें।