सुदर्शन टुडे भोपाल
भोपाल – सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते उच्च शिक्षा के कमिश्नर निशांत वरवड़े के ड्राइवर की गर्भवती पत्नी सुमन की मौत हो गई। सुमन राजधानी के जेपी अस्पताल में भर्ती थीं, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया।जेपी से हमीदिया जाने के लिए पहले तो एंबुलेंस नहीं मिली, फिर एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं मिली। ऐसे में सुमन की तबीयत बिगड़ गई और हमीदिया में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मामला 14 दिन पहले का है। विभाग ने गुपचुप जांच कमेटी भी बना दी है।मेरी आंखों के सामने पत्नी दम तोड़ रही थी और मैं बेबस था पति गोपाल राव बांगर ने बताया, ‘मैं साईं बाबा नगर 12 नंबर में रहता हूं। 13 फरवरी को पत्नी सुमन (30) की सिजेरियन डिलीवरी होनी थी। सुबह 10 बजे पत्नी को लेकर जेपी यहां सुमन को जरूरी इंजेक्शन लगाए गए। उसे झटके (एक्लेम्शिया) आना शुरू हो गए। स्थिति नहीं सुधरी तो डॉक्टरों ने 12 बजे हमीदिया रेफर कर दिया। मैं एंबुलेंस लेने गया। वहां एंबुलेंस का ड्राइवर गायब था। अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी तो 15-20 मिनट बाद ड्राइवर आया। सुमन को एंबुलेंस में शिफ्ट किया।
बांगर ने बताया, ‘डॉक्टर्स ने कहा कि इसे ऑक्सीजन लगाओ तो पता चला कि ऑक्सीजन नहीं थी। तबीयत लगातार बिगड़ती देख बिना ऑक्सीजन के हमीदिया
बांगर ने बताया, ‘डॉक्टर्स ने कहा कि इसे ऑक्सीजन लगाओ तो पता चला कि ऑक्सीजन नहीं थी। तबीयत लगातार बिगड़ती देख बिना ऑक्सीजन के हमीदिया ले गए। मेरे सामने ही सरकारी सिस्टम पत्नी की जान ले रहा था। मैं मजबूर था। दोपहर एक बजे हमीदिया पहुंचे। जांचें हुईं। डॉक्टर्स बोले- स्थिति खराब है। सिर्फ बच्चे को बचा पाएंगे। सुमन का ऑपरेशन हुआ। बेटा स्वस्थ था, पर सुमन वेंटिलेटर पर जा चुकी थी। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। अगली सुबह उसने दम तोड़ दिया।’
मामला हाई प्रोफाइल, जांच भी हाई प्रोफाइल ही कराई आमतौर पर हर मैटरनल डेथ का रिव्यू होता है, पर यह मामला हाई प्रोफाइल था, इसलिए एनएचएम की एमडी प्रियंका दास ने जांच कमेटी बनाई। इसमें जेपी के डॉ. कमलेश देवपुजारी, एनएचएम की डॉ. अर्चना मिश्रा, भोपाल संभाग की जॉइंट डायरेक्टर मीरा चौधरी, जीएमसी के गायनी की पूर्व एचओडी डॉ. अरुणा कुमार, हमीदिया के इमरजेंसी मेडिसिन की प्रोफेसर रुचि टंडन शामिल हैं।
डीन बोले- रिपोर्ट के बाद निर्णय लेंगे
हमीदिया में गायनी एचओडी डॉ. रेखा वाधवानी को हटाकर डॉ. शबाना सुल्तान को एचओडी बनाया गया है। वाधवानी ने व्यक्तिगत कारणों से पहले ही इस्तीफा दे दिया था, जो 13 फरवरी को स्वीकार हुआ। वहीं, डॉ. आशीष गोहिया ने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अधीक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है। अब नए अधीक्षक की तलाश जारी है।जीएमसी डीन डॉ. सलिल भार्गव ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे का निर्णय शासन के आदेशानुसार लेंगे।