सुदर्शन टुडे डिंडोरी
डिंडोरी 3 फरवरी, मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशन एवं माननीया सुश्री नीना आशापुरे, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी के को मार्गदर्शन में जिला जेल डिण्डौरी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में प्रथम जिला न्यायाधीश हिदायत तल्ला खान द्वारा जेल का निरीक्षण कर पैरोल प्री-बारगेनिंग, रिमिशन एवं जेल बदियों के अधिकार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को कानूनी जानकारी होना आवश्यक है। इस जानकारी से आप अपनी समस्याओं को ठीक से समझ सकते हैं और उससे उबरने में मदद ले सकते हैं। कानून और संविधान प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, स्वतंत्रता, गरिमा और सम्मान का रक्षक है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। जिसके लिए विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है। यदि जेल में निरूद्ध किसी बंदी के पास अधिवक्ता नहीं है तो वह जरिये जेल अधीक्षक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सकता है। जिस पर उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता नामित कर दिया जाएगा। जेल में निरुद्ध बंदियों को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक में सम्पर्क कर अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकते है। साथ ही भोजन की जाँच कर स्वादिष्ट भोजन बनाने के निर्देश दिए गए।
आयोजित शिविर में जिला न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी श्री उत्तम कुमार डार्वी ने बताया कि नालसा नई दिल्ली द्वारा पैन इंडिया अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत समस्त न्यायालय, डिण्डौरी से ऐसे विचाराधीन मामले जिसमें अभियुक्त की आयु अपराध दिनांक को 18 वर्ष से कम थी या 18 वर्ष से कम होना अभियुक्त के द्वारा दावा किया गया हो ऐसे अरोपी की पहचान कर उन्हें जमानत एवं रिहाई संबंधी सहायता प्रदान होगी साथ ही उन्होने निशुल्क विधिक सहायता एवं पीडित प्रतिकर योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की। शिविर में उपस्थित लगभग 152 बंदियों द्वारा जागरूकता संबंधी बातों को ध्यानपूर्वक सुना गया।जागरूकता शिविर जेल अधीक्षक संतोष गणेशे ने अभार व्यक्त किया साथ ही शिविर में जेल स्टॉफ एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टॉफ उपस्थित रहा।