शकील अहमद। सुदर्शन टुडे
लोहरदगा: भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का शुरूआत क़ी और जहां पठारी क्षेत्रों में बिजली नहीं पहुंची थी वहाँ बिजली तो पहुंचा दी। परतु अब यहीं बिजली पोल और तार पेड़ो को नष्ट होने के कारण बन गए हैं। ताजा मामला है किस्को प्रखण्ड के पाखर क्षेत्र के डाहरबाटी और भुरसाखाड़ का जहाँ बिजली पोल और तार से सटे सैकड़ो पेड़-पौधों को काट दिया गया। सबसे हैरत की बात यह है कि वही पेड़ कटे हैं जो बिजली पोल और तार से सेट थे। हालांकि बिजली विभाग को पेड़ो को कटने का मामले से पल्ला झाड़ रहा है। यहाँ कसियाडीह बलभठवा जंगल से लेकर डहरबाटी होते हुए भुरसाखाड़ जंगल तक करीब 5 से 6 किलोमीटर तक पेड़ कटवा दिया गया है। जबकि वन विभाग को कानों कान कोई खबर नहीं हुई औऱ हजारों की संख्या में पेड़ छटाई के साथ काट दिया गया। सूत्रों से मिली के अनुसार वन विभाग से बिना अनुमति लिए ही बिजली विभाग द्वारा पेड़ो को कटवा दिया गया है नहीं तो किसी को क्या मतलब है कि पोल और तार से सटे ही पेड़ो को काटा जाए। मामले पर बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक खलखो का कहना है कि बिजली तार के संपर्क में आने वाले पेड़ों की डोलियां को छटाई की जा सकती है। लेकिन उक्त जंगलों में बिजली विभाग की ओर से ना पेड़ों की छटाई की गई है ना ही कोई पेड़ कटवाया गया है। वहीं लोहरदगा जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार का कहना है कि पेड़ों की कटाई का मामला को टीम गठित कर जांच कराई जाएगी और जांच में सत्यता पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।